एपीजीसी जूनियर चैंपियनशिप: लड़कों के वर्ग में भारतीय टीम पांचवें और लड़कियों में आठवें स्थान पर रही

एपीजीसी जूनियर चैंपियनशिप: लड़कों के वर्ग में भारतीय टीम पांचवें और लड़कियों में आठवें स्थान पर रही

एपीजीसी जूनियर चैंपियनशिप: लड़कों के वर्ग में भारतीय टीम पांचवें और लड़कियों में आठवें स्थान पर रही
Modified Date: May 30, 2025 / 01:59 pm IST
Published Date: May 30, 2025 1:59 pm IST

हांगकांग, 30 मई (भाषा) भारतीय गोल्फरों रणवीर मित्रो और कृष चावला ने एशिया-प्रशांत गोल्फ परिसंघ (एपीजीसी) जूनियर चैंपियनशिप के दौरान यहां हांगकांग गोल्फ क्लब में लड़कों की टीम स्पर्धा में कुल चार ओवर 430 के स्कोर के साथ पांचवां स्थान प्राप्त किया।

लड़कियों की व्यक्तिगत स्पर्धा में सान्वी सोमू ने अंतिम राउंड में दो ओवर 74 का स्कोर करते हुए टूर्नामेंट का समापन सराहनीय 10वें स्थान पर किया। बीमारी से उबर रही उनकी साथी कशिका ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करते हुए तीन ओवर 75 का स्कोर किया और 19वें स्थान पर रहीं।

कशिका और सान्वी की  भारतीय जोड़ी  ने  कुल 16 ओवर 448 के स्कोर के साथ लड़कियों की टीम स्पर्धा में आठवां स्थान हासिल किया।

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 कृष और सान्वी की जोड़ी ने मिश्रित टीम स्पर्धा में कुल 11 ओवर 437 के स्कोर के साथ 13वें स्थान पर रहते हुए अपना अभियान समाप्त किया।

जिन हेंग यान और जिन हान की चीन की जोड़ी ने चार-अंडर 422 के कुल स्कोर के साथ लड़कों की टीम स्पर्धा का खिताब जीता।

 रणवीर ने टूर्नामेंट में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए तीसरे और अंतिम दौर में दो ओवर 73 का स्कोर किया किया और व्यक्तिगत स्पर्धा में छठा स्थान हासिल किया। उनका कुल स्कोर दो-अंडर 211 रहा। यह भारतीय गोल्फ संघ (आईजीयू) द्वारा भेजी गई चार-सदस्यीय टीम में सबसे अच्छा था।

 कृष ने कुल छह ओवर 219 के स्कोर के साथ 22वां स्थान प्राप्त किया।

न्यूजीलैंड के कूपर मूर ने इस तीन-दिवसीय टूर्नामेंट में नौ-अंडर 204 के कुल स्कोर के साथ लड़कों की व्यक्तिगत स्पर्धा का खिताब अपने नाम किया जबकि वियतनाम के तुआन अन्ह गुयेन दूसरे स्थान पर रहे।

सोलह साल के रणवीर ने कहा कि इस टूर्नामेंट से उन्हें सीखने का काफी अनुभव मिला है।

उन्होंने कहा, ‘‘एपीजीसी जूनियर्स जैसे स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने से आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बीच खेलने और उस प्रतिस्पर्धात्मक माहौल का हिस्सा बनने से मुझे अपनी क्षमता से बेहतर करने की प्रेरणा मिली है। मुझे महसूस हुआ कि मैं मजबूत प्रतिस्पर्धियों टक्कर दे सकता हूं। इससे मेरे आत्म-विश्वास को मजबूती मिली है।’’

भाषा आनन्द

आनन्द


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