नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) नवगठित अंतरिम समिति द्वारा राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन और कोचों की नियुक्ति सहित अन्य प्रमुख निर्णयों की घोषणा के बीच मंगलवार को विभिन्न राज्य इकाइयों के सदस्यों के तत्काल चुनाव कराने की मांग से भारतीय मुक्केबाजी प्रशासन में खींचतान तेज हो गई।
भारतीय मुक्केबाजी संघ ( बीएफआई) के पदाधिकारियों का कार्यकाल दो फरवरी को समाप्त हो गया था लेकिन कानूनी विवादों के कारण चुनाव में देरी हो रही है।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने नवीनतम आदेश में खेल मंत्रालय के पर्यवेक्षक और निर्वाचन अधिकारी को मामले की अगली सुनवाई के लिए तय 28 अप्रैल से पहले नया चुनाव कार्यक्रम जारी करने का निर्देश दिया है।
असम मुक्केबाजी के अध्यक्ष और बीएफआई के पूर्व महासचिव हेमंत कलिता ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ अजय सिंह (पूर्व बीएफआई अध्यक्ष और अंतरिम समिति के वर्तमान प्रमुख) चुनाव में देरी करने और बीएफआई के संविधान को कमजोर करने के लिए सभी हथकंडे अपना रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें खुशी हैं कि देश में कानून का शासन है और माननीय उच्च न्यायालय ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने का आदेश पारित किया है।’’
दिल्ली और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों के निर्देशों के बाद निर्वाचन अधिकारी आर.के. गौबा ने निर्वाचक मंडल से हटाए गए नामों को बहाल करने के लिए 28 मार्च को होने वाले चुनावों को ‘रोक’ दिया था। इसमें पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम भी शामिल था।
मध्य प्रदेश मुक्केबाजी के अध्यक्ष और बीएफआई के पूर्व कोषाध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘ अजय सिंह तानाशाही तरीके से काम कर रहे हैं। पिछले साल हमारी कोई राष्ट्रीय चैंपियनशिप नहीं हुई, पेरिस ओलंपिक में हमारा प्रदर्शन बिल्कुल निराशाजनक रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम चिंतित हैं और चाहते हैं कि चुनाव जल्द से जल्द हो ताकि हमारे हमारे खिलाड़ी प्रभावित ना हो और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।’’
हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष और बीएफआई के पूर्व उपाध्यक्ष राजेश भंडारी ने आरोप लगाया कि सिंह ने कोचिंग स्टाफ पर फैसला करते समय कार्यकारी समिति की सलाह लेने से इनकार कर दिया था और पेरिस ओलंपिक में खराब प्रदर्शन का यह एक बड़ा कारण था।
भंडारी ने कहा, ‘‘ अजय सिंह की गलत नीतियों के कारण भारतीय मुक्केबाजी का स्तर नीचे जा रहा है।’’
विश्व मुक्केबाजी द्वारा बीएफआई के मामलों की देखरेख के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए गठित अंतरिम समिति ने सोमवार को अपनी पहली बैठक में घरेलू सर्किट को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ एलीट (शीर्ष) मुक्केबाजी प्रणाली को फिर से शुरू करने के निर्णय लिया।
इस छह सदस्यीय समिति में बीएफआई के उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार निरवान, कार्यकारी निदेशक अरुण मलिक, ओलंपियन एल सरिता देवी और सिंगापुर मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष फैरुज मोहम्मद शामिल हैं। समिति के अंतिम सदस्य का नामांकन भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष द्वारा अभी किया जाना बाकी है।
समिति ने यह भी निर्णय लिया कि एलीट पुरुष और महिला राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों के लिए कोच और सहयोगी स्टाफ का चयन जल्द ही किया जाएगा।
भाषा आनन्द मोना
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