बिपाशा को रजत, सिमरन और सितो ने कांसा जीता, संजू फाइनल में

बिपाशा को रजत, सिमरन और सितो ने कांसा जीता, संजू फाइनल में

बिपाशा को रजत, सिमरन और सितो ने कांसा जीता, संजू फाइनल में
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: August 19, 2021 9:33 pm IST

उफा (रूस), 19 अगस्त (भाषा) बिपाशा (76 किग्रा) को गुरूवार को यहां जूनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के फाइनल में हार के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन संजू देवी (62 किग्रा) ने शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए फाइनल में प्रवेश किया।

सिमरन (50 किग्रा) और सितो (55 किग्रा) ने कांस्य पदक जीतकर भारत के पदकों की संख्या बढ़ायी लेकिन आरजू को चोट के कारण 68 किग्रा के कांस्य पदक के प्लेऑफ से हटना पड़ा।

भटेरी ने भी 55 किग्रा के फाइनल में प्रवेश किया जबकि सनेह 72 किग्रा का सेमीफाइनल गंवाने के बाद कांस्य पदक के लिये लड़ेंगी।

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बिपाशा को अमेरिका की कैली रेनी वेल्कर से तकनीकी कौशल से हार मिली जिसमें विपक्षी पहलवान ने ‘फितले’ से मुकाबले को जल्दी खत्म कर दिया।

संजू ने जर्मनी की लूसिया शरेल को 5-2 से मात दी और 0-3 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए क्रोएशिया की इवा गेरिच को क्वार्टर फाइनल में 4-3 से हराया।

सेमीफाइनल में वह 0-5 से पिछड़ रही थीं लेकिन वापसी करते हुए उन्होंने अजरबेजान की बिरगुल सोलतानोवा को 8-5 से शिकस्त दी। अब वह स्वर्ण पदक के लिये रूस की एलीना कसाबिएवा के सामने होंगी।

भटेरी ने ट्यूनीशिया की लजासी खादिजा और रोमानिया की अमीना रोक्साना कापेजान को हराकर फाइनल में प्रवेश किया जहां उनका सामना मोलदोवा की इरिना रिंगासी से होगा।

सिमरन ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए बेलारूस की नटालिया वराकिना को 7-3 से शिकस्त देकर कांस्य पदक जीता।

सितो ने 55 किग्रा के कांस्य पदक के प्लेऑफ में दबदबा बनाते हुए तुर्की की मेलडा डेरेंकी पर तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की।

कुसुम (59 किग्रा) अजरबेजान की अलीएवा के खिलाफ 1-2 से हार गयी।

सनेह ने बेलारूस की सेनिया पातापोविच को पहले दौर में 6-2 से हराया। फिर मंगोलिया की टी डोर्जसुरेन को 7-0 से शिकस्त दी।

अन्य मैचों में पिंकी ( 53 किलो ) ने अच्छी शुरूआत की लेकिन तुर्की की एमिन केकमेक से 7-12 से हार गई । मानसी को 57 किलोवर्ग में तुर्की की ही अलविरा कामालोग्लू ने 9-1 से हराया । मानसी ने पहले दौर में अमेरिका की क्लेयर मारी को 16-4 से मात दी थी ।

भाषा नमिता पंत

पंत


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