नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने इंटर काशी के आवेदन पर गोवा के चर्चिल ब्रदर्स को चैंपियन घोषित करने के अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के फैसले पर रविवार को रोक लगा दी जिससे मौजूदा सत्र में आई-लीग खिताब को लेकर चल रहा ड्रामा जारी रहा।
एआईएफएफ ने अपनी अपील समिति के द्वारा इंटर काशी के खिलाफ फैसला सुनाने के बाद 18 अप्रैल को चर्चिल ब्रदर्स को आई-लीग चैंपियन घोषित किया था।
इंटर काशी ने इस फैसले के खिलाफ स्विट्जरलैंड स्थित दुनिया के सबसे बड़े खेल पंचाट (सीएएस) का दरवाजा खटखटाया था।
सीएएस अपील मध्यस्थता प्रभाग की उपाध्यक्ष एलिजाबेथ स्टीनर ने ‘अनंतिम उपायों के अनुरोध पर’ मामले का फैसला होने तक एआईएफएफ को कोई भी पदक समारोह आयोजित करने से भी रोक दिया।
स्टीनर ने एक ‘एकतरफा’ आदेश में कहा, ‘‘अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अपील समिति द्वारा 18 अप्रैल 2025 को दिए गए फैसले पर रोक लगाई जाती है।’’
ऑस्ट्रेलिया की इस जज ने कहा, ‘‘एआईएफएफ को आदेश दिया जाता है कि वह आई-लीग 2024-25 के विजेता की घोषणा नहीं करे या आई-लीग 2024-25 के लिए पदक समारोह का आयोजन नहीं करे, जब तक कि वर्तमान मध्यस्थता पूरी न हो जाए।’’
सीएएस ने एआईएफएफ और चर्चिल ब्रदर्स सहित प्रतिवादियों को 29 अप्रैल 2025 तक इस अस्थायी फैसले पर अपना पक्ष रखने का समय दिया है।
चर्चिल ब्रदर्स छह अप्रैल को अंतिम दौर के बाद 40 अंकों के साथ तालिका में अस्थायी रूप से शीर्ष पर रहे था।
उनका खिताब और इंडियन सुपर लीग में पदोन्नति इंटर काशी के 13 जनवरी को नामधारी एससी के खिलाफ मैच के विवादित अंकों के परिणाम के अधीन था।
इस मैच को नामधारी ने 2-0 से जीता था। एआईएफएफ की अनुशासन समिति ने नामधारी द्वारा ‘अयोग्य खिलाड़ी’ को मैदान में उतारने के निर्णय के बाद इंटर काशी को 3-0 से जीत और तीन अंक दिए थे। उस निर्णय से इंटर काशी के 42 अंक हो जाते, जो खिताब जीतने के लिए पर्याप्त थे।
एआईएफएफ की अपील समिति ने हालांकि बाद में अनुशासन समिति के आदेश को अंतिम सुनवाई तक ‘निष्क्रिय और स्थगित’ रखा। एआईएफएफ की अपील समिति ने 18 अप्रैल को अनुशासन समिति के आदेश को खारिज कर दिया और चर्चिल के पक्ष में फैसला सुनाया।
इंटर काशी ने इस फैसले के खिलाफ खेल पंचाट का दरवाजा खटखटाया।
भाषा आनन्द नमिता
नमिता
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)