अदालत ने ईएफआई के महासचिव के तौर पर जयवीर सिंह की बहाली की

अदालत ने ईएफआई के महासचिव के तौर पर जयवीर सिंह की बहाली की

अदालत ने ईएफआई के महासचिव के तौर पर जयवीर सिंह की बहाली की
Modified Date: December 26, 2025 / 03:04 pm IST
Published Date: December 26, 2025 3:04 pm IST

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) के महासचिव के रूप में कर्नल (सेवानिवृत्त) जयवीर सिंह की स्थिति बहाल कर दी है।

अदालत ने महासंघ की कार्यकारी समिति द्वारा उनके निलंबन को अवैध करार दिया तथा महासंघ के आधिकारिक संचार और बैंक खातों पर उनके अधिकार को बहाल कर दिया।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने 22 दिसंबर को ईएफआई को 21 अगस्त 2025 को हुई कार्यकारी समिति की बैठक के ‘मिनट्स’ लागू करने से रोक दिया। इसी बैठक में सिंह का निलंबन बढ़ाया गया था और किसी अन्य अधिकारी को कार्यवाहक महासचिव नियुक्त किया गया था।

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अदालत ने संयुक्त सचिव एमएम रहमान को कार्यवाहक महासचिव के रूप में कार्य करने से भी रोक दिया तथा ईएफआई की आधिकारिक संचार प्रणाली और बैंक खातों पर सिंह का अधिकार बहाल कर दिया।

सेना के पूर्व अधिकारी जयवीर सिंह 2019 में ईएफआई के महासचिव चुने गए थे। महासंघ 2019 से ही कानूनी विवादों में उलझा हुआ है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने नवंबर 2019 में कुप्रबंधन के आरोपों के बीच ईएफआई के कामकाज की निगरानी के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।

मई 2024 में उच्च न्यायालय ने संबंधित रिट याचिकाओं के निपटारे तक 2019 में निर्वाचित कार्यकारी समिति की बहाली का आदेश दिया था जिसमें सिंह भी शामिल थे।

मार्च 2025 में विवाद तब बढ़ गया जब ईएफआई की कार्यकारी समिति ने सिंह को वित्तीय अनियमितताओं, महासंघ के उपनियमों के उल्लंघन और अधिकारों के दुरुपयोग के आरोपों के साथ कारण बताओ नोटिस जारी किया। 11 अप्रैल 2025 को उन्हें जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया।

सिंह ने निलंबन को चुनौती देते हुए तर्क दिया कि यह उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक की अनुमति के बिना और आम सभा की बैठक बुलाए बिना लगाया गया जबकि ईएफआई के उपनियमों के अनुसार यह अनिवार्य है।

पर्यवेक्षक द्वारा अप्रैल 2025 में आपत्ति के बावजूद ईएफआई की कार्यकारी समिति ने 21 अगस्त की बैठक में सिंह के निलंबन को बढ़ा दिया और एक अंतरिम महासचिव नियुक्त कर दिया।

सिंह ने आरोप लगाया कि इस अवधि के दौरान विपक्षी गुट के पदाधिकारियों ने आधिकारिक ईमेल की लॉग इन जानकारी बदलने के अलावा बिना वैध अधिकार के बैंक खाते संचालित किए।

अदालत ने माना कि ईएफआई के उपनियमों के अंतर्गत कार्यकारी समिति के किसी सदस्य को केवल सामान्य सभा के दो-तिहाई बहुमत से ही निलंबित या हटाया जा सकता है।

भाषा नमिता मोना

मोना


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