फुटबॉल खिलाड़ियों का आईएसएल शुरू करने का आग्रह, कहा हताशा और गुस्सा व्याकुलता में बदल गए हैं

फुटबॉल खिलाड़ियों का आईएसएल शुरू करने का आग्रह, कहा हताशा और गुस्सा व्याकुलता में बदल गए हैं

फुटबॉल खिलाड़ियों का आईएसएल शुरू करने का आग्रह, कहा हताशा और गुस्सा व्याकुलता में बदल गए हैं
Modified Date: November 11, 2025 / 12:52 pm IST
Published Date: November 11, 2025 12:52 pm IST

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी कर प्रशासकों से इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का नया सत्र जल्दी से जल्दी शुरू करने की अपील करते हुए कहा कि उनका गुस्सा और हताशा अब व्याकुलता में बदल गई है।

  यह अपील ऐसे समय में की गई है जब अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने पिछले सप्ताह कहा था कि 16 अक्टूबर को आईएसएल के वाणिज्यिक अधिकारों के लिए अनुरोध (आरएफपी) के बाद उसे कोई बोली नहीं मिली है। इस आरएफपी में लीग के वाणिज्यिक और मीडिया अधिकारों के लिए 15 साल के अनुबंध के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं।

स्टार डिफेंडर संदेश झिंगन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए वीडियो में कहा, ‘‘अभी हम जहां हैं, वहां से देरी करना अच्छा नहीं होगा। कोच, प्रशंसक, स्टाफ के सदस्य और खिलाड़ियों के लिए सब कुछ ठहर गया है। हमने बहुत मेहनत की है। हमने बहुत त्याग किया है और हम अपने सत्र को यूं ही खत्म नहीं होना देना चाहते हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘पूरा भारतीय फुटबॉल तंत्र अनिश्चितता में डूबा हुआ है। सपने थम गए हैं। भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। हर दिन हम इंतजार करते हैं। हम व्याकुल हैं। हमें तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है।’’

गोलकीपर गुरप्रीत वालिया जैसे राष्ट्रीय टीम के कई फुटबॉलरों ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त करते हुए एक संदेश साझा किया।

खिलाड़ियों ने बयान में कहा, ‘‘हम इंडियन सुपर लीग में खेलने वाले पेशेवर फुटबॉलर मिलकर यह अपील करते हैं कि हम इंडियन सुपर लीग का सत्र शुरू करने के लिए एकजुट हैं।  सीधे शब्दों में कहें तो हम खेलना चाहते हैं ।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘हमारे गुस्से, हताशा और परेशानी की जगह अब व्याकुलता ने ले ली है। हम उस खेल को खेलने के लिए बेताब हैं जिसे हम प्यार करते हैं। हम अपने परिवार और प्रशंसकों के लिए खेलने को लेकर बेताब हैं जो हमारे लिए सब कुछ हैं।’’

बयान में खेल प्रशासकों से आग्रह किया गया कि वे मौजूदा संकट से निपटने का रास्ता निकालें। इसके कारण मोहन बागान जैसे शीर्ष क्लबों को अपना अभ्यास सत्र रोकना पड़ा है।

इसमें कहा गया, ‘‘यह देश में हमारे खेल को संचालित करने वाले सभी लोगों से एक अपील है कि वे फुटबॉल सत्र को शुरू करने के लिए जो भी संभव हो वह करें। भारत को प्रतिस्पर्धी फुटबॉल की आज पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है।’’’

खिलाड़ियों ने बयान में कहा, ‘‘जहां तक हमारा सवाल है तो हम प्रतिबद्ध हैं, पेशेवर हैं और जैसे ही हमें बताया जाएगा हम तुरंत खेलने के लिए तैयार हैं। हम इस शानदार खेल को संचालित करने वाले लोगों से बस यही चाहते हैं कि वह हमारी हताशा पर ईमानदारी से गौर करें। हम पिछले एक लंबे समय से खुद को अंधेरी सुरंग में पा रहे हैं और हमें तत्काल रोशनी दिखाने की जरूरत है।’’

               भाषा

पंत आनन्द

आनन्द


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