पूर्व राष्ट्रीय निशानेबाजी कोच सनी थॉमस का निधन |

पूर्व राष्ट्रीय निशानेबाजी कोच सनी थॉमस का निधन

पूर्व राष्ट्रीय निशानेबाजी कोच सनी थॉमस का निधन

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Modified Date: April 30, 2025 / 02:35 PM IST
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Published Date: April 30, 2025 2:35 pm IST

कोच्चि, 30 अप्रैल (भाषा) भारत को निशानेबाजी में ओलंपिक सहित प्रमुख प्रतियोगिताओं में पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व निशानेबाजी कोच सनी थॉमस का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

वह 84 वर्ष के थे और उन्होंने कोट्टायम में अपनी अंतिम सांस ली। थॉमस के परिवार में उनकी पत्नी केजे जोसम्मा, बेटे मनोज सनी, सानिल सनी और बेटी सोनिया सनी हैं।

इस पूर्व निशानेबाज ने 1993 से 2012 तक भारतीय निशानेबाजों का मार्गदर्शन किया। वह खेल के इतिहास में कई महत्वपूर्ण अवसरों के प्रत्यक्ष गवाह रहे थे।

उन्हें 2001 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह 2004 में एथेंस ओलंपिक के दौरान कोचिंग स्टाफ का हिस्सा थे, जहां राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पुरुषों की डबल ट्रैप में रजत के साथ निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।

लेकिन उनके करियर का सबसे महत्वपूर्ण पल इसके चार साल बाद बीजिंग में आया जब अभिनव बिंद्रा पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने।

बिंद्रा ने थॉमस को हमेशा बहुत सम्मान दिया। उन्होंने इस निशानेबाजी कोच को पिता तुल्य बताया।

बिंद्रा ने अपने एक्स हैंडल में लिखा, ‘‘प्रोफेसर सनी थॉमस के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। वह एक कोच से कहीं बढ़कर थे। वह भारतीय निशानेबाजों की कई पीढ़ियों के लिए एक गुरु, मार्गदर्शक और पिता तुल्य थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘खेल के प्रति उनके समर्पण ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी में भारत को नई पहचान दिलाई। उन्होंने मेरे शुरुआती वर्षों में बड़ी भूमिका निभाई और मैं उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए हमेशा आभारी रहूंगा। आपकी आत्मा को शांति मिले। सर। आपका प्रभाव चिरस्थायी है।’’

थॉमस के कोच रहते हुए राठौड़ और बिंद्रा के अलावा जिन प्रमुख भारतीय खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई उनमें 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक विजेता विजय कुमार, जसपाल राणा, समरेश जंग और लंदन खेलों में कांस्य पदक विजेता गगन नारंग शामिल हैं।

थॉमस ने केरल के कोट्टायम के उझावूर सेंट स्टीफंस कॉलेज में अंग्रेजी के लेक्चरर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्हें हालांकि शुरू से ही निशानेबाजी पसंद थी और वह 1970 के दशक में राष्ट्रीय और राज्य चैंपियन रहे थे।

भाषा

पंत मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)