अगर मैं विकेट नहीं लूंगा तो भारतीय टीम में मेरे लिए कोई जगह नहीं: कुलदीप

अगर मैं विकेट नहीं लूंगा तो भारतीय टीम में मेरे लिए कोई जगह नहीं: कुलदीप

अगर मैं विकेट नहीं लूंगा तो भारतीय टीम में मेरे लिए कोई जगह नहीं: कुलदीप
Modified Date: September 18, 2025 / 09:39 pm IST
Published Date: September 18, 2025 9:39 pm IST

(कुशान सरकार)

दुबई, 18 सितंबर (भाषा) इंग्लैंड में दो महीने तक बेंच पर बैठे रहने के दौरान भारत की एकादश में जगह नहीं बना पाने के लिए किसी पर भी दोष मढ़ना आसान होता लेकिन कुलदीप यादव ने मुश्किल रास्ता चुना।

इन दिनों बल्लेबाजी करने वाले स्पिनरों का चलन है लेकिन कुलदीप की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं और वह अपने सिद्धांत से विचलित नहीं होंगे।

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कुलदीप ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘अगर मैं किसी भी टीम में खेलूंगा तो एक (विशेषज्ञ) गेंदबाज के रूप में खेलूंगा। मेरा काम विकेट लेना है। अगर मैं विकेट नहीं लूंगा तो मेरे लिए कोई जगह नहीं होगी। यह समझना बहुत जरूरी है कि जब आप सिर्फ गेंदबाज के रूप में खेलते हैं तो आपका काम टीम के लिए विकेट लेना होता है।’’

मौजूदा समय में भारत के सबसे बहुमुखी स्पिनर माने जाने वाले कानपुर के इस खिलाड़ी ने स्पष्ट किया कि वह खुद को एक गेंदबाजी ऑलराउंडर में बदलने की कोशिश करके चीजों को जटिल नहीं करना चाहते।

उन्होंने दोबारा मौके मिलने से पहले अपने कौशल पर काम करना, अपनी फिटनेस में सुधार करना और अपनी गेंदबाजी के समय को बढ़ाना पसंद किया। इसका फायदा यह हुआ कि बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर को एशिया कप के शुरुआती दो मैच में लगातार दो बार मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ तीन विकेट भी चटकाए।

क्या मुख्य कोच गौतम गंभीर की ओर से कोई स्पष्ट संदेश था यह पूछे जाने पर कुलदीप ने कहा, ‘‘ स्पष्ट संदेश था। कभी-कभी तीन-चार मैचों में मुझे लगा कि मैं खेल सकता हूं लेकिन दुर्भाग्य से मैं नहीं खेल पाया।’’

ओमान के खिलाफ भारत के अंतिम ग्रुप लीग मैच से पहले कुलदीप ने कहा, ‘‘गौती भाई (गंभीर) बहुत स्पष्ट थे। कभी-कभी मुझे लगता था कि मैं खेल सकता हूं लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि बल्लेबाजी संयोजन के कारण मैं नहीं खेल पाया।’’

कुलदीप के ब्रिटेन में बिताए दो महीने नए कौशल सीखने और कुछ नए गुर सीखने में बीते।

कुलदीप अपनी गेंदबाजी के भी आलोचक हैं और उन्हें नहीं लगता कि वह अब भी अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन कर पा रहे हैं, भले ही उनका टी20 अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड प्रभावशाली है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैं उतनी अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं लेकिन मुझे लगता है कि मैं सुधार कर सकता हूं और बेहतर बन सकता हूं। कभी-कभी इस प्रारूप में आप बल्लेबाज को समझने में गलती कर देते हैं। जब आप किसी टीम पर दबदबा बनाते हैं और छोटी-छोटी गलतियां करते हैं तो आप उन पर ध्यान नहीं देते।’’

कुलदीप ने कहा, ‘‘लेकिन आपको लगता है कि आपने गलती की है। मुझे अब भी इस पर काम करना है। मुझे लगता है कि मुझे गेंदबाजी में और मेहनत करने की ज़रूरत है क्योंकि और भी प्रारूप हैं।’’

टीम प्रबंधन की सोच को देखते हुए क्या वह अपनी बल्लेबाजी पर थोड़ा और काम कर रहे हैं यह पूछने पर कुलदीप ने कहा, ‘‘मैं बल्लेबाजी को लेकर चिंतित नहीं हूं। जब भी हमें अगले सत्र में बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है तो मैं आमतौर पर बल्लेबाजी करता हूं। खेल में बल्लेबाजी करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह किसी भी बल्लेबाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है जो अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना चाहता है। लेकिन जाहिर है कि मैं अपनी बल्लेबाजी पर बहुत काम कर रहा हूं।’’

भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बड़े फुटबॉल प्रेमियों में से एक कुलदीप का बार्सीलोना के प्रति प्रेम जगजाहिर है। अब उनका अपना एक यूट्यूब चैनल भी है जहां वह समय मिलने पर चैंपियन्स लीग, प्रीमियर लीग और ला लीगा के मैचों का विश्लेषण करते हैं और कमेंट्री भी करते हैं।

उनका मानना ​​है कि शीर्ष स्तर के फुटबॉल मैचों में विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ियों को बेंच पर बैठे देखना उन्हें टीम से बाहर होने से होने वाली निराशा को कम करने में मदद करता है।

भाषा सुधीर

सुधीर


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