चोपड़ा का दावा, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2027 की मेजबानी के लिए बोली लगाएगा भारत

चोपड़ा का दावा, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2027 की मेजबानी के लिए बोली लगाएगा भारत

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  • Publish Date - August 30, 2023 / 10:02 PM IST,
    Updated On - August 30, 2023 / 10:02 PM IST

ज्यूरिख, 30 अगस्त (भाषा) भारत 2027 में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन कर सकता है क्योंकि ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और हाल में विश्व चैंपियन बनने वाले नीरज चोपड़ा ने खुलासा किया कि देश इस प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए बोली लगाने जा रहा है।

डायमंड लीग प्रतियोगिता से पहले चोपड़ा से भारत की विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी की संभावना और दर्शकों के भाला फेंक स्पर्धा को देखने के लिए पहुंचने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,‘‘ वे बोली लगाने जा रहे हैं। मैं प्रशंसकों से आग्रह करूंगा और मुझे उम्मीद है कि वह बड़ी संख्या में इस प्रतियोगिता को देखने के लिए पहुंचेंगे।’’

चोपड़ा ने कहा,‘‘ भारत में भाला फेंक अब मशहूर हो चुका है। भारत में साक्षात्कार में मैं हमेशा कहता रहा हूं कि हमें एथलेटिक्स को समझने की जरूरत है क्योंकि एथलेटिक्स केवल भाला फेंक तक सीमित नहीं है। इसमें कई अन्य स्पर्धाएं होती हैं। इसलिए अगर दर्शक नहीं आते हैं तो मैं उन्हें स्टेडियम में पहुंचने के लिए प्रेरित करूंगा।’’

उन्होंने कहा,‘‘ भारतीय लोग बहुत समर्थन करते हैं और अब वे एथलेटिक्स में दिलचस्पी लेने लगे हैं। बुडापेस्ट में भाला फेंक में शीर्ष छह में भारत के तीन खिलाड़ी शामिल थे।’’

इस बीच पीटीआई को पता चला है कि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) को विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए औपचारिक बोली लगानी होगी और सबसे पहले उसे सरकार से मंजूरी हासिल करनी होगी।

एएफआई ने अभी तक सरकार से संपर्क नहीं किया है, जबकि बोली आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि दो अक्टूबर है।

तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद चोपड़ा को चोटों से भी जूझना पड़ा लेकिन उन्होंने अपना आत्मविश्वास नहीं डिगने दिया।

उन्होंने कहा,‘‘ ग्रोइन की चोट के कारण इस साल मैं अधिक प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाया। मई से लेकर विश्व चैंपियनशिप तक मैंने केवल पांच या छह अभ्यास सत्र में भाग लिया था और तब भी पूरे रन अप में नहीं दौड़ा था।’’

चोपड़ा ने कहा,‘‘ विश्व चैंपियनशिप मेरे लिए चुनौतीपूर्ण थी लेकिन मैं मन से पूरी तरह तैयार था। विश्व चैंपियनशिप शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मन के लिए भी कठिन होती है।’’

भाषा पंत आनन्द

आनन्द