छुट्टियों के मौसम में स्वस्थ खानपान, शारीरिक गतिविधि और नींद के संतुलन के लिए सुझाव

छुट्टियों के मौसम में स्वस्थ खानपान, शारीरिक गतिविधि और नींद के संतुलन के लिए सुझाव

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 04:33 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 04:33 PM IST

( होली नोएले शाफ़स्मा, जेस हैनेस, कैथरीन वाल्टन एवं रैफेले जैकब, गुएल्फ विश्वविद्यालय )

गुएल्फ (कनाडा), 19 दिसंबर (द कन्वरसेशन) छुट्टियों का मौसम उत्साहपूर्ण गतिविधियों, पारिवारिक मेल-जोल और सामान्य कामकाज व स्कूल की दिनचर्या से विराम का समय होता है जिससे कई परिवारों को ऐसा लग सकता है कि छुट्टियों की भागदौड़ में उनकी दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई है।

छुट्टियों में अनियमित भोजन, स्नैक्स का अधिक सेवन और स्क्रीन टाइम तथा देर से सोने जैसी आदतें सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकती हैं और घर में तनाव बढ़ा सकती हैं।

अच्छी बात यह है कि छुट्टियों के दौरान कुछ सरल और स्वस्थ घरेलू आदतों को अपनाकर परिवार स्वस्थ खानपान, पर्याप्त नींद और शारीरिक गतिविधि बनाए रख सकता है और इस व्यस्त मौसम में खुद को बेहतर महसूस कर सकता है।

पंजीकृत आहार विशेषज्ञों और पारिवारिक स्वास्थ्य शोधकर्ताओं के रूप में हमने परिवारों के स्वास्थ्य पर अध्ययन किए हैं और ऐसी कई प्रभावी रणनीतियां पहचानी हैं, जो स्वस्थ आदतें विकसित करने में मदद करती हैं। यहां तीन प्रमुख सुझाव दिए जा रहे हैं, जिनसे परिवार छुट्टियों का आनंद लेते हुए भी स्वस्थ खानपान, गतिविधि और नींद की आदतें बनाए रख सकता है।

भोजन को बनाएं पारिवारिक अवसर

छुट्टियों के दौरान व्यस्त कार्यक्रमों के कारण खाना पकाने और परिवार के साथ बैठकर भोजन करने का समय निकालना मुश्किल लग सकता है। हालांकि, जब कुकीज़, स्नैक्स और मिठाइयों पर बार-बार हाथ जाने की संभावना रहती है, तब दिन में कम से कम एक बार पूरे परिवार के साथ भोजन करना बेहद जरूरी है।

यह आदत स्वस्थ खानपान को बढ़ावा देती है और सभी को एक-दूसरे से जुड़ने का मौका देती है। जरूरी नहीं कि पारिवारिक भोजन रात के खाने के समय ही हो। यदि नाश्ता साथ करना सुविधाजनक हो, तो वही बेहतर है।

खाना बनाने में पूरे परिवार, यहां तक कि छोटे बच्चों को भी शामिल करें—चाहे वह छुट्टियों की बेकिंग हो, पारिवारिक भोजन पकाना हो या किसी आयोजन के लिए व्यंजन तैयार करना हो।

खाने की तैयारी में बच्चों की भागीदारी—जैसे सामग्री नापना, कढ़ाही में चम्मच चलाना, एक बर्तन से दूसरे बर्तन में खाद्य सामग्री डालना, परोसना या खरीदारी में मदद करना—उन्हें वही खाना चखने के लिए प्रेरित कर सकती है और उस भोजन को लेकर उनके नखरे कम कर सकती है।

गतिविधियों और खेल के तथा स्क्रीन से दूरी के मौके खोजें ताकि बाहर निकलें

जो बच्चे अधिक समय बाहर बिताते हैं, वे शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहते हैं। प्रकृति के वातावरण में समय बिताने से दिमागी विकास में मदद मिलती है और बच्चों को आराम मिलता है।

परिवार के साथ पैदल भ्रमण की योजना बनाएं, स्केटिंग या स्लेडिंग करें, पास के आयोजनों तक पैदल जाएं और मोहल्ले में सजावट व रोशनी का आनंद लें। छोटे-छोटे अवसर मिलकर बड़ा असर डालते हैं।

घर लौटने पर स्क्रीन टाइम के लिए योजना बनाएं। जब माता-पिता सीमाएं तय करते हैं, तो बच्चे स्क्रीन के सामने कम समय बिताते हैं। छुट्टियों में भी तय सीमाएं बच्चों को अपेक्षाएं समझने में मदद करती हैं और रोज़मर्रा के विवाद कम हो सकते हैं। भोजन के समय स्क्रीन से दूरी रखें—टीवी बंद करें और फोन व टैबलेट अलग स्थान पर रखें।

स्क्रीन सीमा तय करने का मतलब यह नहीं कि छुट्टियों में पसंदीदा फिल्में न देखी जाएं। सीमित और उद्देश्यपूर्ण स्क्रीन उपयोग के फायदे भी हैं। साथ बैठकर फिल्म या टीवी देखना बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में सहायक पाया गया है।

कहानी से जुड़े “क्या होगा अगर” और “क्यों” जैसे सवाल पूछने से शब्दावली और आलोचनात्मक सोच विकसित होती है।

उत्सवों के साथ नींद की दिनचर्या का संतुलन

अच्छी नींद से माता-पिता सहित सभी छुट्टियों का बेहतर आनंद ले पाते हैं। पर्याप्त नींद लेने वाले बच्चों में तनाव और अतिसक्रियता कम होती है तथा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

उम्र के अनुसार, बच्चों और किशोरों को प्रतिदिन आठ से 17 घंटे, जबकि वयस्कों को सात से नौ घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। शोध बताते हैं कि हर चार में से एक बच्चा पर्याप्त नींद नहीं ले पाता।

उत्सवों के बीच, सोने की एक समान दिनचर्या बनाए रखने से बच्चों को पर्याप्त नींद मिलती है। दिन के अंत में शांत, स्क्रीन-रहित गतिविधियों—जैसे किताब पढ़ना—के लिए समय निकालें।

एक जैसी सोने की दिनचर्या बच्चों को घर से बाहर सोते समय भी जल्दी नींद आने में मदद करती है।

बच्चों को “कुछ मिनट होने की चेतावनी” देना उन्हें मज़ेदार गतिविधि रोककर सोने की तैयारी करने में भावनात्मक रूप से मदद करता है। बदलाव के प्रति संवेदनशील बच्चों को नए माहौल में सुरक्षित महसूस कराने के लिए माता-पिता के साथ अधिक नजदीकी की आवश्यकता हो सकती है।

लेखकों ने उम्मीद जताई कि ये सरल दिनचर्याएं परिवारों को छुट्टियों के सबसे व्यस्त दिनों में भी एक-दूसरे से जुड़ने, रफ्तार धीमी करने और खुशी खोजने में मदद करेंगी।

द कन्वरसेशन मनीषा वैभव

वैभव