टूर्नामेंट के इस चरण पर लय हासिल करना अच्छा है : कोहली | It is good to get rhythm at this stage of the tournament: Kohli

टूर्नामेंट के इस चरण पर लय हासिल करना अच्छा है : कोहली

टूर्नामेंट के इस चरण पर लय हासिल करना अच्छा है : कोहली

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : October 11, 2020/4:20 am IST

दुबई, 11 अक्टूबर (भाषा) रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के कप्तान विराट कोहली ने यहां इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में चेन्नई सुपर किंग्स पर मिली जीत के बाद कहा कि यह उनकी टीम के पूर्ण प्रदर्शन में से एक था और टूर्नामेंट के इस चरण में लय हासिल करना अच्छा है जिससे तालिका में ऊपर बढ़ने में मदद मिलेगी।

कोहली 52 गेंद में नाबाद 90 रन (चार चौके, चार छक्के) की पारी खेलकर ‘मैन आफ द मैच’ रहे। इस पारी की बदौलत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने चार विकेट पर 169 रन का स्कोर बनाकर चेन्नई सुपर किंग्स पर 37 रन से जीत हासिल की।

उन्होंने मैच के बाद कहा, ‘‘यह हमारे पूर्ण प्रदर्शन में से एक था। पहले बल्लेबाजी करना चाहते थे लेकिन क्रीज पर थोड़ी मुश्किल स्थिति में पड़ गये। हमने ‘टाइम आउट’ पर बात की कि 150 रन के करीब स्कोर अच्छा होगा। ’’

कोहली ने कहा, ‘‘अब लय हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि हमारे लगातार मैच हैं। मुझे लगता है कि यह हमारा एक पूर्ण प्रदर्शन था और पहले ओवर से हमारा जज्बा बना हुआ था। यह अच्छी शुरूआत है, जब आप टूर्नामेंट के इस चरण में लय हासिल करते हो तो इससे अंक तालिका में आप नीचे के स्थान से अलग हो जाते हो या ऊपर की ओर बढ़ते हो। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप एक लक्ष्य सोचकर उससे आगे बढ़ जाते हो (150 रन का स्कोर बनाने का सोचकर 169 रन बनाने के संदर्भ में) तो इससे आपको फायदा मिलता है। अगर आप डेथ ओवर में खेल रहे हो और अच्छी तरह हिट कर रहे हो तो आप इसका अच्छा फायदा उठा सकते हो। आज रात हमने यही चीज सीखी। ’’

अपने प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए भारतीय कप्तान कोहली ने स्वीकार किया कि वह खुद पर कुछ ज्यादा ही दबाव बना रहे थे जिसका असर उनकी बल्लेबाजी पर पड़ रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं शुरूआती मैचों में खुद पर कुछ ज्यादा ही दबाव बना रहा था। जब आप खुद पर ज्यादा ही बोझ डालना शुरू कर देते हैं तो आप खिलाड़ी के तौर पर योगदान नहीं कर पाते और आपकी टीम को भी आपके योगदान की जरूरत होती है। सुपर ओवर वाले मैच ने सचमुच मेरी सोच खोली दी, जिसमें मुझे अच्छा करना था, वर्ना हम हार जाते। ’’

भाषा नमिता

पंत

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)