उदयपुर, 29 नवंबर (भाषा) बाएं कंधे की चोट के कारण सात महीने तक बाहर रहने के बावजूद युवा जूडो खिलाड़ी जानवी यादव ने खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों (केआईयूजी) में स्वर्ण पदक जीता। इससे उनकी तेज प्रगति का पता चलता है और यह साबित होता है कि पैसे की तंगी असली प्रतिभा को नहीं रोक नहीं सकती।
चोट के बाद जानवी ने मैट पर शानदार वापसी की और यहां 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले उन्होंने पिछले साल गुवाहाटी में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के लिए कांस्य पदक जीता था।
एक कूरियर कंपनी के कर्मचारी की बेटी जानवी और उसके माता-पिता को दिल्ली में बहुत बुरा अनुभव हुआ जब उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का झूठा वादा करके ढाई लाख रुपये की ठगी की गई।
इस झटके के बावजूद जानवी के पिता उत्तम सिंह ने पैसे की तंगी के कारण अपनी बेटी की राह में मुश्किल नहीं आने दी।
दिल्ली के द्वारका की रहने वाली 19 साल की जानवी ने खेलो इंडिया खेलों में कई पदक जीते हैं जिसमें खेलो इंडिया युवा खेलों में 2021 में स्वर्ण और 2023 में रजत पदक शामिल हैं।
जानवी ने यहां स्वर्ण जीतने के बाद कहा, ‘‘मेरा परिवार शुरू से ही मेरे फैसले का समर्थन करता रहा है। मेरे पिता परिवार में अकेले कमाने वाले हैं और एयरपोर्ट पर एक प्राइवेट कूरियर कंपनी में काम करते हैं। पैसे की इतनी दिक्कतों के बावजूद उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब भी वह (धोखाधड़ी) घटना याद है जिसने हमें तोड़ दिया था। मेरे पिता ने अपना फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ दिया था और भुवनेश्वर में हुए क्वालीफिकेशन में मेरे शीर्ष पर रहने के बाद उस रकम को एकत्रित करने के लिए कुछ उधार भी लिया था।’’
जानवी ने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ वह बेहद परेशान करने वाला था लेकिन मेरे पिता ने कभी भी इसका मुझ पर असर नहीं पड़ने दिया। उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है। आज मैं जो कुछ भी हूं वह मेरे माता-पिता के त्याग की वजह से हूं।’’
भाषा सुधीर नमिता
नमिता