ट्रेन में आग का सामना करने वाले मध्य प्रदेश के तीरंदाजों ने पदक जीत ‘असंभव’ कारनामा किया

ट्रेन में आग का सामना करने वाले मध्य प्रदेश के तीरंदाजों ने पदक जीत ‘असंभव’ कारनामा किया

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  • Publish Date - March 15, 2021 / 12:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

कोलकाता, 15 मार्च (भाषा) पिछले दिनों शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने के कारण करीब से मौत को देखने वाले मध्यप्रदेश के जूनियर तीरंदाजों ने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में ‘असंभव’ कारनामा करते हुए चार पदक जीते। यह जानकारी टीम के मुख्य कोच ने सोमवार को दी।

देहरादून पहुंचने से एक घंटे पहले शनिवार को आठ सदस्यीय रिकर्व पुरूष और महिला टीम आग की चपेट में आ गयी । टेन के ‘सी पांच’ कोच में लगी आग से जान बचाने के लिए उन्हें दूसरी बोगी में भागना पड़ा लेकिन उनके उपकरण और अहम दस्तावेज जलकर खाक हो गये।

खिलाड़ियों को रविवार को नये उपकरण मुहैया कराये गये लेकिन उन्होंने बिना किसी मैच पूर्व अभ्यास के रिकर्व वर्ग में दो रजत और एक कांस्य के अलावा कंपाउंड टीम वर्ग में रजत पदक के साथ अपने अभियान को खत्म किया।

रैंकिंग चरण में दो रजत पदक जीतने वाली दसवीं कक्षा की छात्रा सोनिया ठाकुर सोमवार को ओलंपिक चरण में कांस्य पदक के करीबी मुकाबले में पिछड़ गयी। टाई-ब्रेकर ने निकला यह नतीजा हरियाणा की तीरंदाज के पक्ष में गया।

मध्यप्रदेश के मुख्य कोच रिचपाल सिंह ने देहरादून से पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ उन्होंने कुछ असंभव सा हासिल किया है। खेल में इस तरह के चमत्कार होते हैं।

सिंह ने कहा कि जब उन्हें इस घटना के बारे में पता चला तो खिलाड़ियों का कुशलक्षेम पुछने के बाद उन्होंने उनके मनोबल को बढ़ने पर जोर दिया।

मध्य प्रदेश प्रशासन और भारतीय तीरंदाजी संघ के सहयोग से तीरंदाजों के लिए पटियाला से नये उपकरण मंगाये गये।

सिंह ने कहा, ‘‘हमें बताया गया था कि उपकरण सुबह दो बजे पहुंच जाएंगे, ऐसे में हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि तीरंदाजों को थोड़ा आराम मिले क्योंकि वे बहुत मुश्किल परिस्थितयों से बाहर निकले थे।’’

कोचिंग टीम के सदस्य दो बजे होटल की लॉबी में पहुंच गये ताकि उपकरण को इस्तेमाल के लायक बनाया जा सके। इसके बाद वे प्रतियोगिता शुरू होने से तीन घंटे पहले सुबह छह बजे सर्वे मैदान (प्रतियोगिता स्थल) पहुंच गये।

उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों को अपने तीर और धनुष के साथ सामंजस्य बैठाने में कई महीने लग जाते हैं ऐसे में नये उपकरण के साथ दो घंटे से कम के अभ्यास के साथ निशाना लगाना और खिताब जीतना असंभव की तरह है।’’

भाषा आनन्द सुधीर

सुधीर