एकादश में जगह का हकदार होने के बावजूद चयन ना होना निराशाजनक: अय्यर

एकादश में जगह का हकदार होने के बावजूद चयन ना होना निराशाजनक: अय्यर

एकादश में जगह का हकदार होने के बावजूद चयन ना होना निराशाजनक: अय्यर
Modified Date: September 7, 2025 / 08:49 pm IST
Published Date: September 7, 2025 8:49 pm IST

मुंबई, सात सितंबर (भाषा) भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने कहा कि अंतिम एकादश में जगह पाने के हकदार खिलाड़ी को अगर टीम में नहीं चुना जाता है तो यह उसके लिए काफी निराशाजनक होता है लेकिन स्थिति चाहे जो भी हो, टीम के हित के लिए नैतिक रूप से काम करते रहना चाहिए।

 अय्यर ने कहा कि हर खिलाड़ी को खुद पर काम करते रहना चाहिए और अगर चुने गए खिलाड़ी टीम के लिए लगातार खेल रहे हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं, तो उनका समर्थन भी करना चाहिए।

एशिया कप के लिए भारत की 15-सदस्यीय टीम में नहीं चुने गए 30 वर्षीय अय्यर इस महीने के अंत में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दो अनौपचारिक चार-दिवसीय टेस्ट मैचों में भारत ए की अगुवाई करेंगे।

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अय्यर ने ‘आईक्यूओओ पोडकास्ट’ में कहा, ‘‘यह तब निराशाजनक होता है जब आप जानते हैं कि आप टीम में, अंतिम एकादश में जगह के हकदार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसके साथ ही जब आप जानते हैं कि कोई टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है, तो आप उनका समर्थन करते हैं। आखिरकार, लक्ष्य टीम का जीतना है और जब टीम जीतती है, तो हर कोई खुश होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा ईमानदारी से बात करता हूं। आपको मौका नहीं मिलता है तो आपको यह देखना होगा कि आप अपना काम नैतिक रूप से करें। ऐसा नहीं है कि आपको तभी प्रदर्शन करना है जब कोई देख रहा हो।’’

अय्यर ने कहा, ‘‘यहां तक कि जब कोई नहीं देख रहा होता है, तब भी आपको अपना काम करते रहना होगा। यही ईमानदारी है।’’

अय्यर उस भारतीय टीम के सदस्य थे जिसने इस साल की शुरुआत में आईसीसी के पिछले टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब को अपने नाम किया था। उन्होंने इसे क्रिकेट के मैदान पर अब तक का सबसे अच्छा एहसास बताया।

दायें हाथ के मध्यक्रम के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘भारत के लिए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतना अब तक का सबसे अच्छा एहसास था।’’

भारत के लिए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतना अब तक का सबसे अच्छा एहसास था।’

अय्यर ने कहा कि किसी भी क्रिकेटर के लिए तैयारी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लंबी अवधि में विफलता की संभावना को खत्म कर देता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको अपनी तैयारियों पर भरोसा करना होगा। जब आप खुद को एक खास तरीके से तैयार करते हैं, तो मैदान पर जो कुछ भी होता है वह सिर्फ इस बात का प्रतिबिंब होता है कि आप मैदान के बाहर क्या करते हैं।’’

भाषा आनन्द नमिता

नमिता


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