उप्र में सरकारी नौकरी वाले खिलाड़ियों का टूर्नामेंटों,शिविरों में हिस्सा लेने का समय भी ‘ड्यूटी’ में
उप्र में सरकारी नौकरी वाले खिलाड़ियों का टूर्नामेंटों,शिविरों में हिस्सा लेने का समय भी 'ड्यूटी' में
लखनऊ, दो दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सरकारी नियुक्ति प्राप्त खिलाड़ियों को बड़ी राहत देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब उनके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण शिविरों और संबंधित गतिविधियों में शामिल होने की पूरी अवधि को ‘ड्यूटी’ माना जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस अहम फैसले से खिलाड़ियों को खेल स्पर्धाओं में हिस्सा लेने के लिये अनुमति प्राप्त करने में होने वाली मुश्किलें खत्म होंगी।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि अब तक ‘अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022’ में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। सेवा नियमावली में अवकाश संबंधी प्रावधान नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए अनुमति प्रक्रिया में दिक्कतें आती थीं।
उन्होंने कहा कि अब सरकार नई प्रणाली लागू कर रही है जिसमें साफ व्यवस्था होगी कि नियुक्त खिलाड़ी जब भी किसी राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, शिविर या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगें तो उसे ड्यूटी माना जाएगा। इसमें आने-जाने का पूरा समय भी शामिल होगा।
खन्ना ने कहा कि इससे न केवल खिलाड़ियों को अपने खेल करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, बल्कि राज्य का प्रतिनिधित्व भी और मजबूत होगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल में लिये गये एक और महत्वपूर्ण निर्णय में वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में निर्माणाधीन डॉक्टर सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम के संचालन, प्रबंधन और रखरखाव तथा राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए ‘भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के साथ हुए सहमति पत्र को मंजूरी दे दी गयी है।
उन्होंने बताया कि समझौते के तहत स्टेडियम परिसर में मौजूद खेल सुविधाओं जैसे भवन, ढांचे, मैदान और अन्य अवसंरचनाओं को साइ को सौंपा जाएगा ताकि यहां राष्ट्रीय खेल उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और संचालन सुचारु रूप से हो सके।
भाषा सलीम रवि कांत मोना
मोना

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