जेकेसीए की मतदाता सूची पर मान्यता प्राप्त क्लबों की आपत्ति
जेकेसीए की मतदाता सूची पर मान्यता प्राप्त क्लबों की आपत्ति
जम्मू, 28 दिसंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) से मान्यता प्राप्त कई क्लबों ने आगामी जेकेसीए चुनावों के लिए तैयार की गई मतदाता सूची पर आपत्ति जताई है।
क्लबों का आरोप है कि संविधान का उल्लंघन किया गया है और 16 क्लबों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।
अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय ने आदेश की तारीख से 12 सप्ताह की अवधि के भीतर चुनाव कराने के लिए अचल कुमार जोती (सेवानिवृत्त आईएएस) को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया था।
क्लबों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘यह जानकर आपको हैरानी होगी कि मतदान के पात्र 23 क्लबों में से 16 से अधिक क्लबों को बाहर कर दिया गया है और उनकी स्थिति व प्रतिनिधित्व स्वीकृत संविधान के अनुसार स्पष्ट होने के बावजूद उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर किया गया है। यह सब कुछ कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा सुनियोजित तरीके से किया गया है। ’’
क्लबों ने कहा कि लंबी कानूनी लड़ाइयों के बाद – पहले लोढ़ा समिति सुधारों के विरोध के खिलाफ, फिर प्रशासकों की समिति (सीओए) के खिलाफ और बाद में बीसीसीआई की एक उप-समिति के खिलाफ जिस पर चुनावों में देरी करने का आरोप था – जेकेसीए को उच्चतम न्यायालय से स्वीकृत संविधान के तहत चुनाव कराने का आदेश मिला था।
बयान में कहा गया, ‘‘शुरुआत में प्रक्रिया के पारदर्शी होने की उम्मीद थी, लेकिन बाद में निर्वाचन अधिकारी की कार्रवाइयां उसी उप-समिति जैसी दिखीं, जिस पर चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप लगाया गया था। ’’
क्लबों के अनुसार जेकेसीए के नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि क्लब प्रतिनिधियों से जुड़े विवादों में अदालत द्वारा अधिकृत लोकपाल के आदेश सर्वोपरि होते हैं।
हालांकि, उनका आरोप है कि प्रारंभिक मतदाता सूची में उन व्यक्तियों को शामिल किया गया जिन्हें डिवीजन बेंच द्वारा नियुक्त लोकपाल ने खारिज कर दिया था, जबकि अदालत द्वारा नियुक्त सीओए द्वारा मान्यता प्राप्त व्यक्तियों को बाहर रखा गया।
क्लबों ने यह भी आरोप लगाया कि जम्मू की एक अदालत द्वारा जेकेसीए उप-समिति को प्रारंभिक मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से रोकने का आदेश दिए जाने के बावजूद सूची प्रकाशित कर दी गई।
भाषा नमिता सुधीर
सुधीर

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