तोक्यो में फिर दोहराई रियो की कहानी, लेकिन अन्यत्र चमके भारतीय निशानेबाज |

तोक्यो में फिर दोहराई रियो की कहानी, लेकिन अन्यत्र चमके भारतीय निशानेबाज

तोक्यो में फिर दोहराई रियो की कहानी, लेकिन अन्यत्र चमके भारतीय निशानेबाज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : December 24, 2021/12:16 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर ( भाषा ) रियो के बाद तोक्यो में भी भारतीय निशानेबाजों की झोली खाली रही और वर्ष 2021 में अन्य टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन भी ओलंपिक में नाकामी से मिले जख्मों को नहीं भर सका ।

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रियो ओलंपिक 2016 में एक भी पदक नहीं जीत पाने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने कई बदलाव किये । भारतीय निशानेबाजों से तोक्यो में पदक की प्रबल उम्मीद थी लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात । सितारों से सजी 15 सदस्यीय भारतीय निशानेबाजी टीम ने ओलंपिक के दबाव के आगे आसानी से घुटने टेक दिये ।

प्रेसिडेंट्स कप और लीमा में साल की आखिरी जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन तोक्यो में मिले जख्मों को भरने में अभी समय लगेगा ।

तोक्यो में भारत का प्रदर्शन इतना खराब था कि एनआरएआई प्रमुख रनिंदर सिंह ने प्रतियोगिता पूरी होने से पहले ही निराशा जाहिर कर दी थी । उन्होंने बदलाव की बात कही और यह भी कहा कि प्रशासकों के प्रदर्शन की भी समीक्षा की जायेगी ।

एनआरएआई ने सभी राष्ट्रीय कोचों के अनुबंध रद्द कर दिये हैं । सत्र 2022 की शुरूआत से पहले ढांचे में बदलाव की कवायद में ऐसा किया गया है ।

निवर्तमान कोचों की जगह नयी नियुक्तियों का महासंघ ने खुलासा नहीं किया है । ओलंपिक में खराब प्रदर्शन और टीम के भीतर गुटबाजी की वजह से बदलाव किये गए और गुटबाजी में कोच भी शामिल थे ।

जूनियर राष्ट्रीय कोच जसपाल राणा से मनु भाकर के मतभेदों के बाद एनआरएआई ने पूर्व निशानेबाज और कोच रौनक पंडित को मनु के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी । हालात संभले जरूर लेकिन कुछ मसले बचे रह गए ।

रनिंदर ने पीटीआई से कहा ,‘‘ प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा । मैने कोचिंग और सहयोगी स्टाफ में बदलाव की बात कही है । हमारे निशानेबाजों की तैयारी में कुछ कसर रह जा रही है । प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन प्रदर्शन नहीं हो पा रहा ।’’

अक्टूबर में पेरू में जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय निशानेबाजों ने कई पदक जीते और शीर्ष पर रहे । दिल्ली की 14 वर्षीय नाम्या कपूर जैसे सितारे का इस टूर्नामेंट में उदय हुआ जिसने 25 मीटर पिस्टल वर्ग में भाकर को हराकर स्वर्ण पदक जीता ।

भारत ने प्रेसिडेंट्स कप में भी अच्छा प्रदर्शन किया जिसमें भाकर और सौरभ चौधरी चमके । लीमा में भाकर एक ही जूनियर विश्व चैम्पियनपशिप में सर्वाधिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई जिन्होंने चार स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता ।

रेंज से इतर रनिंदर चौथी बार एनआरएआई अध्यक्ष बने जिन्होंने बसपा के सांसद श्याम सिंह यादव को हराया ।

भाषा मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)