नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) खेल मंत्रालय की प्रमुख टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के तहत खिलाड़ियों को दी गई आठ करोड़ रुपये तक की अग्रिम राशि अभी तक ‘अनिश्चित’ बनी हुई है क्योंकि लाभार्थी बार-बार याद दिलाने के बावजूद ‘बिल या वसूली राशि’ जमा करने में विफल रहे हैं।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के भीतरी आकलन में इसका खुलासा हुआ है । रकम और उन खिलाड़ियों के बारे में खुलासा नहीं किया गया है ।
हाल ही में प्रदर्शन आडिट के दौरान इस पर आपत्ति जताई गई जिसके कारण करीब 30 खिलाड़ी ( कोर और डेवलपमेंटल ग्रुप दोनों में) सवालों के घेरे में है ।
साइ और खेल मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि संबंधित टॉप्स खिलाड़ियों ने विलंब का उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया जबकि उन्हें बारंबार याद दिलाया गया था ।
समझा जाता है कि इसके लिये उचित उपाय किये जायेंगे ताकि हाल ही में खत्म हुए ओलंपिक चक्र में खर्च किये गए पैसे के बारे में जानकारी मिल सके ।
मंत्रालय की मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) की 155वीं बैठक में इस मसले पर विस्तार से चर्चा की गई । एक सूत्र ने कहा ,‘‘ सभी सदस्यों का मानना था कि बिल जमा नहीं करने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हालात से निपटने के लिये कई तरह के सुझाव दिये गए । इसमें नकद पुरस्कार में से कटौती या बार बार अनसुनी करने वाले खिलाड़ियों के ताजा प्रस्तावों में से कटौती शामिल है । इस पर हालांकि कोई फैसला नहीं लिया गया । अगली बैठक में फिर यह मसला उठेगा ।’’
खिलाड़ियों को प्रशिक्षण या प्रतिस्पर्धा के लिये अग्रिम भुगतान लेने पर 15 दिन के भीतर बिल जमा करने होते हैं ।
सूत्र ने कहा ,‘‘ हम समझते हैं कि वे व्यस्त है लेकिन कुछ बकाया बिल तो दो साल पुराने हैं ।यह करदाताओं का पैसा है और दूसरे खिलाड़ियों के लिये अच्छा उदाहरण नहीं है । जवाबदेही लाना जरूरी है ।’’
भाषा मोना नमिता
नमिता
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)