नई दिल्ली। भारत ने ऑस्ट्रेलिया से तीन मैचों की वनडे सीरीज को 2-1 से जीत कर इतिहास रच दिया है। यह पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में भारत ने वनडे सीरीज जीतने में कामयाबी हासिल की है। हालांकि भारत को तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में हार झेलनी पड़ी थी। फिर भारतीय टीम ने सीरीज में जबरदस्त वापसी करते हुए दोनों बचे हुए वनडे मैच जीत कर सीरीज अपने नाम कर ली।
शुरुआती दो वनडे मैच में एक-एक की बराबरी के बाद करो या मरो के मैच में भारत ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को पहले बैटिंग का न्यौता दिया। अपनी पारी में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए। पीटर हैंड्सकॉम्ब ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सर्वाधिक 58 रन बनाए। हैंड्सकॉम्ब ने अपनी पारी में 63 गेदें खेली और 2 चौके लगाए। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के लिए 231 रनों का लक्ष्य दिया था।
भारतीय टीम की ओर से गेंदबाजी करते हुए यजुवेंद्र चहल ने 42 रन देकर सर्वाधिक 6 विकेट लिए। चहल के अलावा भुवनेश्वर कुमार ने 28 रन और मोहम्मद शमी ने 47 रन देकर 2-2 विकेट अपने नाम किए। 231 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजों की शुरूआत अच्छी नहीं रही और 9 रन बनाकर रोहित शर्मा पीटर सिडल की बॉल पर आउट हो गए। इसके बाद शिखर धवन 23 रन बनाकर मार्कस स्टोइनिस की गेंद पर कॉट एंड बोल्ड हो गए।
धवन के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने धोनी के साथ संभलकर खेलते हुए 54 रनों की साझेदारी निभाई। 46 रनों के निजी स्कोर पर रिचर्डसन की गेंद पर कोहली एलेक्स कैरी को कैच दे बैठे। इसके बाद धोनी और जाधव ने 115 रनों की साझेदारी की और भारतीय टीम को जीत का स्वाद चखाया। भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा महेन्द्र सिंह धोनी ने नाबाद 87 रनों की पारी खेली, जिसमें उन्होनें 114 गेदों का सामना किया और 6 चौके लगाए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से रिचर्डसन, पीटर सिडल और मार्कस स्टोइनिस ने एक-एक विकेट लिए।
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पहले दोनों वनडे से बाहर रहे युजवेन्द्र चहल ने सीरीज़ के निर्णायक मैच में 42 रन देकर 6 विकेट लिए। चहल से पहले ऑस्ट्रेलिया में किसी भी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 42 रन देकर 6 विकेट लेना था, जो कि भारत के ही गेंदबाज अगरकर ने 2004 में किया था। चहल ने अगरकर के इस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।