दर्शकों से सम्मान पाने की ख्वाहिश ने शारदुल को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया

दर्शकों से सम्मान पाने की ख्वाहिश ने शारदुल को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया

दर्शकों से सम्मान पाने की ख्वाहिश ने शारदुल को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: January 17, 2021 10:45 am IST

ब्रिसबेन, 17 जनवरी (भाषा) भारतीय तेज गेंदबाज शारदुल ठाकुर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां चौथे टेस्ट की पहली पारी में जब बल्लेबाजी के लिए उतरे तब टीम छह विकेट पर 186 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी ऐसे में उनके दिमाग में कोच रवि शास्त्री की वह बात थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर आप इस देश में प्रदर्शन करते है तो दर्शकों से काफी सम्मान मिलेगा।

शारदुल ने रविवार को मैच के तीसरे दिन आठवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 67 रन बनाने के साथ वाशिंगटन सुंदर (62) के साथ सातवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी कर भारत को बेहतर स्थिति में पहुंचाया। उन्होंने अपनी पारी में कुछ दर्शनीय शॉट भी लगाये।

ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 369 रन के जवाब में भारत की पहली पारी 336 रन पर सिमटी। दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 21 रन बना लिये जिससे उसकी बढ़त 54 रन की हो गयी।

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शारदुल ने मैच के बाद वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जब मैं मैदान में गया, तो स्थिति कठिन थी और मैं इससे इनकार नहीं करूंगा। दर्शक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की हौसला अफजाई कर रहे थे। लेकिन मुझे हमारे कोच रवि शास्त्री की एकदिवसीय श्रृंखला से पहले की गयी बातें याद थीं। उन्होंने कहा था कि ‘अगर आप इस देश में प्रदर्शन करते हैं, तो आपको (दर्शकों का) सम्मान मिलेगा’।’’

इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘ कोच ने कहा था लोग आपके प्रदर्शन के कारण आप से प्यार करेंगे और मेरे दिमाग में सिर्फ एक बात थी मुझे दर्शकों का सम्मान मिले।’’

शारदुल ने कहा, ‘‘ दिन के खेल के बाद यह मेरी टीम के लिए मददगार होगा, मेरे लिये यही सबसे बड़ी सकारात्मक बात है। मेरे दिमाग में दो ही चीजें थी। दर्शक शोर मचायेंगे लेकिन अगर मैं अच्छी बल्लेबाजी करूंगा तो वे मेरी तारीफ भी करेंगे।’’

दर्शकों के साथ भारतीय ड्रेसिंग रूम ने भी आउट होने के बाद खड़े होकर उनका अभिवादन किया। शारदुल ने कहा कि उन्हें बल्लेबाजी करना पसंद है और वह मौके का इंतजार कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बल्लेबाजी करने में सक्षम हूं। टीम में जब भी थ्रो-डाउन विशेषज्ञ के पास समय होता है तब मैं अभ्यास करता हूं। ये ऐसे पल हैं जिसके लिए आप कड़ी मेहनत करते है। इसका इंतजार करते है कि टीम के लिए कुछ कर सके। बल्लेबाजी के समय बस यही विचार था कि क्रीज पर अधिक से अधिक समय बिताऊ ताकि रन बने और पहली पारी में रनों के अंतर को कम किया जा सके।’’

उन्होंने कहा कि ‘ए’ टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने से उन्हें काफी फायदा हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘ ए टीम का दौरा दूसरी पंक्ति की टीम के लिए होता है। इससे काफी मदद मिली। हम 2016 में यहां आये थे। जब आप उस टीम में खेलते है तो राष्ट्रीय टीम में आने के बाद परिस्थितियां ज्यादा मुश्किल नहीं होती है।’’

सुंदर के साथ साझेदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हमने साथ में ज्यादा बल्लेबाजी नहीं की है। एक बार टी20 मैच में और एक बार अभ्यास मैच में ही साथ खेले हैं। दोनों के पास इस स्तर पर सफल होने की मानसिकता है। ईमानदारी से कहूं तो हम स्कोर बोर्ड की तरफ नहीं देख रहे थे। वहां हमारी कोशिश समय बिताने की थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पता था कि थोड़ी देर के बाद उनके गेंदबाज थकने लगेंगे और फिर हमारे पास रन बनाने का मौका होगा। हम एक दूसरे से अच्छे से बात कर रहे थे।

भाषा आनन्द नमिता

नमिता


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