क्या गिल अपनी उप-कप्तानी बरकरार रख पाएंगे?
क्या गिल अपनी उप-कप्तानी बरकरार रख पाएंगे?
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) संजू सैमसन की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अहमदाबाद में श्रृंखला के निर्णायक मैच में खेली गई पारी से चोटिल शुभमन गिल पर दबाव बढ़ेगा क्योंकि इससे आगामी न्यूजीलैंड श्रृंखला के साथ टी20 विश्व कप के लिए उनकी उप कप्तानी की स्थिति पर फिर से विचार किया जा सकता है।
लखनऊ में नेट सत्र के दौरान गिल के पैर की उंगली में चोट लग गई थी जिसके बाद सैमसन ने सलामी बल्लेबाज के तौर पर वापसी करते हुए श्रृंखला के पांचवें और अंतिम महत्वपूर्ण मैच में 22 गेंद में 37 रन बनाए। और यह सब न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला और टी20 विश्व कप के लिए टीम की घोषणा से एक दिन पहले हुआ।
ऐसा नहीं है कि 15 सदस्यीय टीम में सैमसन की जगह पर कोई संदेह है। लेकिन यह पारी उन्हें अभिषेक शर्मा के साथ सलामी जोड़ीदार के रूप में अपनी सही जगह वापस पाने का दावेदार बनाती है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने 26 वर्षीय गिल को सभी प्रारूप में राष्ट्रीय कप्तान बनाने के लंबे समय के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए टी20 उप-कप्तान नियुक्त किया गया ताकि वह टी20 में सूर्यकुमार यादव की जगह लें सके।
हालांकि गिल का खेल टीम इंडिया की हर कीमत पर आक्रामक खेलने की सोच के साथ तालमेल नहीं बिठा पाया है क्योंकि वह टी20 टीम में वापसी के बाद से एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं।
इससे भी बुरी बात यह है कि उनका स्ट्राइक-रेट गिर गया है और टेस्ट प्रारूप में बेहतर नतीजों के लिए स्टांस में बदलाव की तकनीकी समस्याओं ने भी उनकी टी20 बल्लेबाजी को प्रभावित किया है।
उप-कप्तान के रूप में गिल की तरक्की ने असल में सैमसन के लिए एक समस्या खड़ी कर दी। सैमसन का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर टी20 रिकॉर्ड रहा और पिछले सत्र में उन्होंने तीन शतक लगाए लेकिन उन्हें एशिया कप में निचले क्रम में बल्लेबाजी करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
अपनी कोई गलती नहीं होने के बावजूद सलामी बल्लेबाज की जगह से हटाए जाने के बाद साफ तौर पर असहज महसूस कर रहे सैमसन ने अंतिम एकादश में अपनी जगह खो दी। लेकिन फिर गिल की चोट के कारण उन्हें एक बार फिर पारी का आगाज करने का मौका मिला।
भाषा
नमिता मोना
मोना

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