वरंगल (तेलंगाना), 14 सितंबर (भाषा) देश के शीर्ष खिलाड़ियों के बाहर रहने के फैसले के कारण बुधवार से यहां शुरू हो रही राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में युवा खिलाड़ियों को अपनी छाप छोड़ने का मौका मिलेगा।
यह इस साल होने वाली राष्ट्रीय स्तर की 11वीं ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिता है।
तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों में से केवल पैदल चाल की एथलीट भावना जाट और 400 मीटर की धाविका वी रेवती ही इसमें हिस्सा ले रही हैं।
रेलवे ने इस पांच दिवसीय प्रतियोगिता में सबसे बड़ा दल उतारा है। उसके दल में 43 महिलाओं के साथ 87 एथलीट शामिल हैं। सेना की टीम में 57 एथलीट हैं। ये सभी पुरुष खिलाड़ी हैं। अखिल भारतीय पुलिस ने 24 महिलाओं समेत 50 एथलीटों को उतारा है।
वरंगल में पिछले दो वर्षों में होने वाली यह दूसरी राष्ट्रीय प्रतियोगिता है। उसने जनवरी 2020 में राष्ट्रीय क्रास कंट्री चैंपियनशिप की भी मेजबानी की थी।
ओलंपिक में भाग लेने वाले अधिकतर खिलाड़ियों के बाहर रहने के कारण युवा एथलीटों के पास यह स्वयं को साबित करने का अच्छा अवसर होगा।
पुरुष वर्ग में सबसे अनुभवी एथलीट एशियाई खेल 2018 में त्रिकूद का स्वर्ण पदक जीतने वाले अरपिंदर सिंह है, लेकिन वी के एलाकियादासन और षणमुगा श्रीनिवास नालुबोथु के बीच 200 मीटर में मुकाबला रोचक होने की संभावना है।
लंबी कूद में मोहम्मद अनीस याहिया और युगांत शेखर सिंह के बीच मुकाबला भी देखने लायक होगा।
युवा सनसनी और विश्व अंडर-20 की रजत पदक विजेता शैली सिंह की अनुपस्थिति में महिलाओं की लंबी कूद में प्रियंका केरकेटा, शेरिन अब्दुल गफूर और नंदिनी अगसारा के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।
भाषा पंत सुधीर
सुधीर
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