जशपुर के बाद अब मैनपाट और बस्तर में भी होगी चाय की खेती, वन विभाग को बनाया जाएगा नोडल एजेंसी

जशपुर के बाद अब मैनपाट और बस्तर में भी होगी चाय की खेती, वन विभाग को बनाया जाएगा नोडल एजेंसी

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  • Publish Date - August 10, 2019 / 10:02 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

रायपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत (amarjit bhagat minister CG) ने कहा है कि जशपुर के बाद मैनपाट और बस्तर में भी चाय की खेती होगी। उन्होने कहा कि जशपुर, मैनपाट और बस्तर के कई जिलों का वातावरण चाय की खेती के लिए अनुकूल है। वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाकर चाय के बागान विकसित किए जाएंगे। जहां स्थानीय किसानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

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बता दें कि जशपुर में चाय की खेती की जा रही है। जहां चाय के पौधे की कोमल पत्तियों को तोड़कर उससे ग्रीन-टी एवं सामान्य चाय बनाई जा रही है। यहां 11 एकड़ में चाय बागान तैयार किया गया है। इस बागान से रोजाना 2 क्विंटल चायपत्ती तोड़ी जाती हैं। जिसकी प्रोसेसिंग करके 40 किलो चाय तैयार होती है। यहां की चाय को विशेषज्ञों ने दार्जिंलिंग की चाय से बेहतर क्वालिटी का माना है।

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जशपुर के समीप बालाछापर में प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना का कार्य लगभग पूरा हो गया है।वहीं जिले के केसरा मनोरा में 30 एकड़ तथा गुटरी, लोखण्डी में 20 एकड़ में चाय बागान लगाए जाने की तैयारी वन विभाग ने की है। फिलहाल चाय के 3 लाख पौधे बालाछापर नर्सरी में तैयार हैं जिसमें से 2 लाख पौधों को इस साल लगाए जाने हैं। (raipur latest news) (Tea gardens in jashpur Chhattisgarh’s)