छत्तीसगढ़ी गाना ‘दबा बल्लू’ पर अश्लीलता के आरोप, कई जगहों पर लगा प्रतिबंध, गाने और बजाने वाले पर 5 हजार से अधिक का जुर्माना, फरमान जारी

छत्तीसगढ़ी गाना ‘दबा बल्लू’ पर अश्लीलता के आरोप, कई जगहों पर लगा प्रतिबंध, गाने और बजाने वाले पर 5 हजार से अधिक का जुर्माना, फरमान जारी

छत्तीसगढ़ी गाना ‘दबा बल्लू’ पर अश्लीलता के आरोप, कई जगहों पर लगा प्रतिबंध, गाने और बजाने वाले पर 5 हजार से अधिक का जुर्माना, फरमान जारी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: January 27, 2021 4:09 pm IST

रायपुर। वैसे तो छत्तीसगढ़ी गानों और फिल्मों में लोक संस्कृति की अपनी ही मिठास देखने को मिलती रही है, लेकिन इन दिनों मुंबइया मसाला गानों की तर्ज पर यहां भी गाने बनने लगे हैं..। ऐसा ही एक गाना ‘दबा बल्लू’ इन दिनों यूट्यूब पर काफी पसंद किया जा रहा है.. लेकिन इसके दोअर्थी बोल के चलते इसका चौतरफा विरोध शुरू हो गया है..। यहां तक कि गांव-गांव में सरपंच और पंचायत सचिव आदेश जारी कर इस गाने के बजाने या फिर इसके संवाद बोलने पर प्रतिबंध लगा रहे हैं..। बीते दिनों धरसींवा के कांदुल गांव में भी इसी तरह का फरमान जारी किया गया। गांव के सरपंच और पंचायत सचिव ने मिलकर आदेश जारी किया कि मड़ई मेला में किसी तरह की मारपीट, लड़ाई या दबा बल्लू जैसे संवाद बोलने पर 5,551 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा.।

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बताया जाता है कि इसी तरह पलारी, बालोद, बेमेतरा के ग्रामीण इलाकों में भी प्रतिबंध लगा दिया गया है..। ग्राम पंचायत की ओर से इस गाने को बजाने या गाने पर 5 हजार का जुर्माना लगाया है..। हालांकि इस तरह का जुर्माना लगाना कितना जायज है, यह बहस का विषय हो सकता है, लेकिन शायद पहली बार है जब छत्तीसगढ़ में किसी गाने को अश्लीलता का पर्याय मान कर उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाया जा रहा है..।

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बता दें कि यूट्यूब पर भी कई लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं..। कुछ लोग भोजपुरी फिल्म की तरह इसे भी अश्लीलता फैलाने वाला बता रहे हैं..। हालांकि, बहुत सारे लोग इस गाने को पसंद भी कर रहे हैं..।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com