आंध्र प्रदेश ने भारतीय बंदरगाह विधेयक का विरोध किया

आंध्र प्रदेश ने भारतीय बंदरगाह विधेयक का विरोध किया

आंध्र प्रदेश ने भारतीय बंदरगाह विधेयक का विरोध किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: June 24, 2021 2:31 pm IST

अमरावती, 24 जून (भाषा) आंध्र प्रदेश ने अपने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की तरह ही बृहस्पतिवार को कहा कि वह प्रस्तावित भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2021 का विरोध करता है।

विधेयक का विचार केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने दिया है।

आंध्र प्रदेश के अवसंरचना एवं निवेश मंत्री मेकपति गौतम रेड्डी ने केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया को प्रस्तावित विधेयक पर राज्य की आपत्तियों से अवगत कराते हुए कहा कि यह ‘संविधान के खिलाफ है।’

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उन्होंने समुद्री राज्य विकास परिषद की डिजिटल माध्यम से हुई बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, “हमने अब तक विधेयक (के मसौदे) का अध्ययन नहीं किया है। हमने विधेयक का अध्ययन करने और अपने विचार रखने के लिए एक महीने का समय मांगा है। हमने उनसे कहा कि वे हमारे अधिकार नहीं छीन सकते हैं।”

उन्होंने आशंका जताई कि यह एक ‘कठोर कानून’ हो सकता है जो बाजार में राज्य की पहुंच को कम कर सकता है। मंत्री ने कहा कि राज्य को प्रस्तावित विधेयक के मसौदा पर आपत्ति है क्योंकि यह देश के संघीय ढांचे को नष्ट कर सकता है।

रेड्डी ने कहा, “यह संविधान के खिलाफ है। केंद्र राज्य के अधिकारों का हनन नहीं कर सकता है। ”

उन्होंने कहा कि विधेयक का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों का एक समूह गठित किया जाएगा जो अपना सुझाव देगा।

उन्होंने कहा कि बंदरगाहों को विकसित करना राज्यों का विशेषाधिकार है। रेड्डी ने कहा कि वे इस मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के विचारों से पूरी तरह से सहमत है।

भाषा

नोमान सुभाष

सुभाष


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