मराठा आरक्षण पर शीर्ष न्यायालय का आदेश:जालना, पुणे, कोल्हापुर में प्रदर्शन
मराठा आरक्षण पर शीर्ष न्यायालय का आदेश:जालना, पुणे, कोल्हापुर में प्रदर्शन
जालना/पुणे, 17 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के जालना, पुणे और कोल्हापुर में मराठा समर्थक संगठनों के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में समुदाय के लिये आरक्षण जारी रखने को लेकर कदम उठाने की राज्य सरकार से मांग की।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में एक अंतरिम आदेश जारी कर 2018 के उस कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी, जिसमें मराठा समुदाय को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
जालना में मराठा महासंघ के कुछ कार्यकर्ताओं ने ‘‘जय भवानी, जय शिवाजी’’ और ‘‘हमें चाहिए आरक्षण’’ के नारे लगाये। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का उस वक्त रास्ता भी रोका, जब वह टाऊन हॉल इलाके में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बाहर आ रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शीघ्र ही हस्तक्षेप किया और तीन कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
कोल्हापुर में विभिन्न मराठा संगठनों के सदस्यों ने गोकुल मिल्क यूनियन कार्यालय के बाहर धरना दिया और प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि वे दूध के टैंकर मुंबई और पुणे नहीं जाने देंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों को बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पुणे में काले कपड़े पहने हुए मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी राजेश देशमुख को एक ज्ञापन सौंपा।
मराठा संगठन के संयोजक राजेंद्र कोंधारे ने कहा, ‘‘हमने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है और यह मांग की है कि राज्य सरकार (मराठा) आरक्षण पर से रोक हटाने के लिये हर आवश्यक कानूनी कदम उठाये। ’’
उन्होंने अहमदनगर जिले में मराठा समुदाय की छात्रा से बलात्कार एवं हत्या के मामले में त्वरित न्याय की भी मांग की।
नौवीं कक्षा की एक छात्रा से जुलाई 2016 में अहमदनगर जिले के एक गांव में बलात्कार के बाद उसकी नृशंस हत्या कर दी गई थी।
मामले में तीन दोषियों को अहमदनगर की एक सत्र अदालत द्वारा नवंबर 2017 में सुनाई गई मौत की सजा की बंबई उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि की जानी अभी बाकी है।
भाषा
सुभाष उमा
उमा

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