#AYODHYAVERDICT : मोहन भागवत ने कहा फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखें, पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील

#AYODHYAVERDICT : मोहन भागवत ने कहा फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखें, पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील

#AYODHYAVERDICT : मोहन भागवत ने कहा फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखें, पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: November 9, 2019 8:15 am IST

नईदिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अयोध्या की विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला को मिलेगा, वहीं मस्जिद के लिए उपयुक्त स्थान पर 5 एकड़ जमीन मुस्लिमों को दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरएसएस का बयान आया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मीडिया को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।

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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या फैसले पर पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। अयोध्या मामले पर फैसले के बाद मोहन भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब हम सभी मिलकर राम मंदिर बनाएंगे।

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बता दें कि संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। संविधान पीठ ने अपने 1045 पन्नों के फैसले में कहा कि मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल पर किया जाना चाहिए और उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित किया जाना चाहिए जिसके प्रति हिन्दुओं की यह आस्था है कि भगवान राम का जन्म यहीं हुआ था। इस स्थान पर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com