पत्थलगांव। मरवाही विधानसभा में उपचुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी और उनकी बहू ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र के फैसले को लेकर एससीएसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नन्दकुमार साय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी और ऋचा जोगी का जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया है, इस फैसले का मैं स्वागत करता हूँ।
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जोगी शासन काल में नेता प्रतिपक्ष रह चुके नन्दकुमार साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जिस तरह से नकली प्रमाणपत्र बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन थे उसके विरोध में मैने न्यायालय में लम्बी लड़ाई लड़ी है। आज जब यह निर्णय आया है तो मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। मैं लगातार कहता रहा हूं कि अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के है ही नही।
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बीजेपी नेता ने कहा कि अब उनके पुत्र अमित और बहू ऋचा जोगी भी प्रयत्न कर रहे थे कि वे अनुसूचित जनजाति वर्ग में आते हैं। उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने जो फैसला दिया है वो सम्मानजनक है। इस फैसले से अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा होगी। ऐसे और भी लोग जो अवैध तरीके से प्रमाणपत्र बनाकर जनजाति वर्ग के हितों को हड़पने का काम करते हैं उनकी भी जांच होनी चाहिए।
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