बीजेपी में टिकट कटने और सीटों की अदला-बदली की अटकलें, सीएम को भी शिफ्ट करने की चर्चा

बीजेपी में टिकट कटने और सीटों की अदला-बदली की अटकलें, सीएम को भी शिफ्ट करने की चर्चा

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  • Publish Date - October 17, 2018 / 10:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन का दौर चल रहा है। इसमें कई विधायकों-मंत्रियों की टिकट कटने की अटकलें लगाई जा रही है। इसी तरह सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने और मौजूदा विधायकों की सीट बदलने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा तो यह भी है कि सीएम की सीट भी बदली जा सकती है।

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मध्यप्रदेश बीजेपी में इस बार प्रत्याशियों की घोषणा से अचरज हो सकता है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयं संघ ने भी अपनी रिपोर्ट दी है। संघ की सलाह है कि 75-80 सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए जाएं। संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी भोपाल से चुनाव लड़ने की सलाह दी है। जिस सीट पर शिवराज सिंह चुनाव लड़ने की सलाह दी जा रही है, वो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की सीट है।

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हालांकि बीजेपी में पिछले कई दिनों से उम्रदराज नेता बाबूलाल गौर की पूछपरख कम हुई है। इसके बावजूद वे चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। अगर उनकी जगह शिवराज सिंह को उतारा गया तो उनकी नाराजगी से संगठन को नुकसान हो सकता है। गौर चाहते हैं कि वे ही इसी सीट से चुनाव लड़ें। उनकी पुत्र-वधु कृष्णा गौर भी गोविंदपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं। वे काफी समय से इसी क्षेत्र में सक्रिय भी हैं। माना जाता है कि बाबूलाल गौर यदि चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उनकी बहु पूर्व महापौर कृष्णा गौर को यहां से लड़वा सकते हैं।

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कहा जा रहा है कि इस बार 30 फीसदी विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। यह वे विधायक हो सकते हैं, जिनका परफार्मेंस ठीक नहीं रहा। मध्यप्रदेश में जीत को बरकरार रखने के लिए बीजेपी इस बार कुछ सांसदों को भी विधायक के टिकट पर चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 20 अक्टूबर को या उसके आसपास होने वाली है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 15 सालों से सत्ता में काबिज बीजेपी को कमजोर परफार्मेंस वाले विधायकों की स्थिति से भी निपटना है। क्योंकि कई सर्वे और संगठन की गुप्त रिपोर्ट और आकलन के अनुसार तीन राज्यों में 30 प्रतिशत विधायकों की स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है। यह लोग चुनाव हार सकते हैं, इसलिए बीजेपी का केंद्रीय संगठन यह चाहता है कि यहां से जिताऊ उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा।

 

वेब डेस्क IBC24