गुना: हम सब फिल्में देखते हैं एक बार…य़ा अच्छी लगी तो दो बार…कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो हमे इंस्पायर कर देती हैं और हम अपनी जिंदगी में भी उसे करने की ठान लेते हैं. ऐसा ही एक मामला है गुना का है जहां एक दिव्यांग ने फिल्म से प्रेरित होकर अपने माता-पिता को हज पर भेजने की ठानी और उसे पूरा भी किया.
ये हैं गुना के रहने वाले अनवर खान जिन्हें इलाके के लोग श्रवण कुमार के नाम से बुलाने लगे हैं. अनवर ने बचपन से एक ही सपना देखा. अपने माता-पिता को हज कराने का. आंखों की रोशनी भले ही खो दी. लेकिन वो सपना नहीं खोया. जो बचपन से उनकी आंखों में पल रहा था. अनवर कहते हैं कि जब वो 10वीं क्लास में थे तब उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म कुली 5 बार देखी. फिल्म ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उसी वक्त उन्होंने ठान लिया था कि वो भी अपने माता-पिता को हज पर भेजेंगे
अनवर को बचपन में आईफ्लू हुआ और आंखों की रोशनी चली गई. लेकिन उन्होने अंधेरे से हार नही मानी और पतंग बेचना शुरू किया. 15 सालों से पतंग बेचकर एक-एक पाई जोड़ी और 2 लाख रुपए इकट्ठा कर माता-पिता को हज पर भेजने का इंतजाम किया. अनवर के माता-पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. आज के दौर में जब लोग माता-पिता की सेवा करना तो दूर उनकी सुध तक नहीं लेते. ऐसे में अनवर की कहानी लोगों को जरूर प्रेरित करेगी.