पटना, 17 दिसंबर (भाषा) । भारतीय मादक पेय कंपनियों (सीआईएबीसी)के परिसंघ ने बिहार में शराबबंदी को समाप्त करने की मांग की है।
सीआईएबीसी ने बृहस्पतिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रदेश में सत्ताधारी राजग के अन्य घटक दलों के नेताओं को भेजे एक ज्ञापन में राज्य में शराबबंदी को समाप्त करने का आग्रह किया और दावा किया कि शराबबंदी कारण ही बिहार में अवैध शराब की तस्करी बढ़ी है तथा सरकारी खजाने को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है।
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नीतीश सरकार ने एक अप्रैल 2016 से बिहार में शराब के उत्पादन, बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा,‘‘ इससे राज्य सरकार 7000 से 8000 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व से वंचित है जबकि राजस्व के बड़े नुकसान के कारण राज्य ऋण संकट की ओर बढ़ रहा है। समय की मांग है कि बिहार सरकार अपनी निषेध नीति की समीक्षा करे। राज्य सरकार को धीरे-धीरे शराबबंदी को समाप्त करने और राज्य में शराब व्यापार को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।’’
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उन्होंने कहा,‘‘ हमने सुझाव दिया है कि शराब की बिक्री केवल शहरी क्षेत्रों में शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए और सरकार को एक न्यूनतम मूल्य तय करना चाहिए ताकि सस्ती शराब जो अधिक हानिकारक हो बाजार में नहीं बेची जाए। दिल्ली जैसे राज्यों की तरह सरकार को सार्वजनिक रूप से पीने से सख्ती से निपटना चाहिए।’’