शिवराज का ‘बाबा’ प्रेम, पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा

शिवराज का 'बाबा' प्रेम, पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा

शिवराज का ‘बाबा’ प्रेम, पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा
Modified Date: November 29, 2022 / 09:01 pm IST
Published Date: April 5, 2018 7:58 am IST

भोपाल। मप्र में राज्य सरकार के एक फैसले से नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. दरअसल उसने 5 बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। ये वही बाबा हैं जो कुछ दिनों पहले तक सरकार पर नर्मदा पौधरोपण के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगा रहे थे। आंदोलन की धमकी दे रहे थे । पर सरकार ने जैसे ही उन्हें मंत्री पद ऑफर किया, उनके सुर बदल गए वहीं खुद सरकार की नीयत और नीति पर भी सवाल उठने लगे हैं। तो इंदौर हाईकोर्ट में भी सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई है।

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सुनते हैं कि गिरगिट रंग बदलने में माहिर होता है पर यहां तो इंसान ने इस फन में भी महारत हासिल कर ली है । पिछले साल शिवराज सरकार ने बड़े ज़ोर-शोर से नर्मदा यात्रा निकाली और फिर 6.67 करोड़ पेड़ लगाने का अभियान भी चलाया। इस अभियान को 5 संतों ने न केवल महाघोटाला करार दिया बल्कि नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने का ऐलान भी किया लेकिन जैसे ही शिवराज सरकार ने 31 मार्च को सीएम हाउस में बैठक के बाद पांचों बाबाओं नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पं. योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। महाघोटाले का राग अलाप रहे संतों के सुर बदल गए ।

इधर, सरकार के इस फैसले पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आपत्ति जाहिर की है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जालम सिंह पटेल ने शंकराचार्य को शंकाचार्य करार देकर उनकी आपत्ति पर सवाल खड़े कर दिए।

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इधर, संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने का मामला अदालत की चौखट पर पहुंच गया है। सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एडवोकेट गौतम गुप्ता, जितेंद्र अग्रवाल और रामबहादुर वर्मा ने जनहित याचिका दायर की है। सरकार संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देकर एक आंदोलन की आंच से बचना चाहती थी। लेकिन उसके कदम से अब जो सवाल उठ रहे हैं। उनकी आंच भी कम नहीं है। 

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24


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