आखिर क्यों मचा है भू-राजस्व विधेयक पर घमासान,कांग्रेस ने क्यों की बदलने की मांग?

आखिर क्यों मचा है भू-राजस्व विधेयक पर घमासान,कांग्रेस ने क्यों की बदलने की मांग?

आखिर क्यों मचा है भू-राजस्व विधेयक पर घमासान,कांग्रेस ने क्यों की बदलने की मांग?
Modified Date: November 29, 2022 / 09:01 pm IST
Published Date: January 10, 2018 11:11 am IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने भू-राजस्व संशोधन विधेयक पर बयान दिया है. राज्यपाल से मुलाकात के बाद सिंहदेव ने कहा कि हमने पहले ही विधानसभा में इस विधेयक का विरोध किया था लेकिन तब सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था. 

ये भी पढ़ें- धमतरी के फरार रेंजर को पुलिस ने पकड़ा, आय से अधिक संपत्ति का मामला

सरकार इस विधेयक को बदले तभी आदिवासियों का विकास होगा. वहीं राज्यपास ने मुलाकात के दौरान कहा कि कांग्रेस के प्रस्ताव पर विचार करते हुए संशोधन कानून अध्ययन कराया जाएगा.

 ⁠

ये भी पढ़ें- भोपाल पुलिस बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क, हेल्पलाइन नंबर जारी

छत्तीसगढ़ में भू-राजस्व संहिता विधेयक पर बढ़ते तकरार के मद्देनजर इस मामले में बीच का रास्ता निकालने के लिए सरकार ने सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई थी। बैठक के लिए सरकारी अधिकारी और आदिवासी समाज के लोग सर्किट हाउस पहुंचे..लेकिन वहां पर आदिवासी समाज ने अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में होने वाली बैठक का बहिष्कार करते हुए साफ लफ्जों में कह दिया, कि इस मामले में जब मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे तभी समाज बात करेगा। 

ये भी पढ़ें- सैनेटरी नेपकीन को GST के दायरे से बाहर करने अनोखा विरोध प्रदर्शन

वहीं सर्व आदिवासी समाज के सचिव स्तरीय वार्ता का बहिष्कार किए जाने पर सीएम रमन सिंह ने कहा है, कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर दिया गया है और खासतौर पर कांग्रेस इसे लेकर समाज के बीच भ्रम फैला रही है। रमन सिंह ने कहा , कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं और सर्व आदिवासी समाज के सामने किसी भी तरह की शंका है, तो सीएम के नाते वे एक बार नहीं बल्कि बार-बार बैठकर इसे दूर करने की कोशिश करेंगे। सीएम ने ये स्पष्ट किया, कि आदिवासियों से ली जाने वाली जमीनों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ सरकारी प्रोजेक्ट के लिए ही किया जाएगा। 

 

वेब डेस्क, IBC24


लेखक के बारे में