कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, झूठे दावे कर राज्यपाल को गुमराह कर रहे पूर्व सीएम रमन सिंह, 15 साल के कार्यकाल में ही फला-फूला माओवाद

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, झूठे दावे कर राज्यपाल को गुमराह कर रहे पूर्व सीएम रमन सिंह, 15 साल के कार्यकाल में ही फला-फूला माओवाद

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  • Publish Date - October 6, 2020 / 02:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा राज्यपाल को लिखे गए पत्र में झूठे तथ्य देकर गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होने कहा ​है कि बस्तर में 15 साल में निर्मित परिस्थितियों के लिये रमन सिंह ही जिम्मेदार है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद बस्तर में स्थितियों का बेहतर होना और जनजीवन का सुरक्षित होना रमन सिंह से बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रमन सिंह की 15 साल तक गलत नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में माओवाद को खाद पानी मिला, राज्यपाल को लिखे पत्र में भूपेश सरकार पर लगाए गए आरोप तथ्य विहीन बेबुनियाद है। रमन सिंह के 15 साल के शासन काल में दक्षिण बस्तर के 3 ब्लाक तक सीमित माओवाद ने बढ़ते-बढ़ते प्रदेश के 14 जिलों को अपने गिरफ्त में ले लिया। झीरम, पेद्दागेल्लूर, सारकेगुड़ा, चिंतागुफा और ताड़मेटला जैसी घटनायें हुयी।

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रमन सिंह सरकार में 15 वर्ष में (औसत 73 से अधिक प्रतिवर्ष) 1099 सुरक्षा बलों के जवान-अधिकारी शहीद हुये और 1442 नागरिक (औसत 96 से अधिक प्रतिवर्ष) मारे गये। जबकि कांग्रेस की सरकार में 2019 में 21 और 2020 में 32 सुरक्षा बलों के जवान-अधिकारी कुल 53 (औसत 27 से भी कम प्रतिवर्ष) और 2019 में 46 और 2020 में 39 कुल 85 नागरिक (औसत 43 से भी कम प्रतिवर्ष)हैं।

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उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद भाजपा की केन्द्र सरकार ने सीआरपीएफ के बटालियनों को यहां से हटा लिया। अब वे बटालियन खाली हो गयी है, लेकिन रमन सिंह जैसे नेताओं के कारण इन बटालियनों को यहां अभी तक नहीं भेजा गया है। माओवादियों के हाथों कांग्रेस ने तो अपनी पूरी पीढ़ी को गंवाया है, सारकेगुड़ा की जो रिपोर्ट सामने आई थी उससे छत्तीसगढ़ का हर संवेदनशील नागरिक शर्मिंदगी महसूस कर रहा है लेकिन भाजपा के माथे पर शिकन तक नहीं आई। यह घटना उनके कार्यकाल की है और आयोग का गठन भी उन्हीं की सरकार ने किया था।