उत्तर प्रदेश के चार और जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट | Corona curfew relaxed in four more districts of Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश के चार और जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट

उत्तर प्रदेश के चार और जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : June 6, 2021/12:24 pm IST

लखनऊ, छह जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चार और जिलों में सप्ताह में पांच दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू में छूट देने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद सोमवार से वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जिलों में कोरोना कोरोना कर्फ्यू में छूट मिलेगी और अब राज्य के 71 जिले छूट वाली श्रेणी में आ जाएंगे।

रविवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कोविड प्रबंधन की समीक्षा के बाद वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट देने के निर्देश दिये।

राज्‍य सरकार के प्रवक्ता ने बताया, ”कोरोना के कम होते संक्रमण दर के दृष्टिगत जिलों में कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रखने के लिए 600 सक्रिय मामलों का मानक तय किया गया है। रविवार तक 67 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट मिल चुकी है और मौजूदा स्थिति के अनुसार वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जिलों में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से कम हो गई है।”

उन्होंने बताया कि ”वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जिलों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 600 से कम होने के बाद सोमवार से इन जिलों में भी सप्ताह में पांच दिन (सोमवार से शुक्रवार तक) सुबह सात बजे से सायं सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाएगी।”

प्रवक्ता के मुताबिक ”साप्ताहिक व रात्रिकालीन बन्दी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जिलों में भी लागू होंगे और अब सिर्फ राज्‍य के चार जिलों मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर और गोरखपुर में कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा और इन जिलों के संबंध में मंगलवार को विचार किया जाएगा।”

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है और अब राज्य में कुल उपचाराधीन मामले घटकर 17,900 रह गए हैं लेकिन हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर पड़ा है, समाप्त नहीं हुआ है, थोड़ी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है, इसलिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है।”

योगी ने कहा, ‘मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी ( सीएमओ), डिप्टी सीएमओ और एडिशनल सीएमओ जैसे वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के चिकित्सीय अनुभवों का लाभ लिया जाना चाहिए और यह सभी ओपीडी में सेवाएं देना सुनिश्चित करें, जिला अस्पताल/सीएचसी/पीएचसी में रोटेशन के साथ ओपीडी में सेवाएं दें।”

भाषा आनन्द

रंजन

रंजन

 

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