जांजगीर- चांपा के अकलतरा क्षेत्र के कोटमीसोनार गांव में खुले में घूमते 8 फीट के मगरमच्छ को ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर पकड़ लिया है। वन विभाग की टीम की मदद से पकड़े गए मगरमच्छ को कोटमीसोनार क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा गया. बता दें कि यहां पहले भी कई बार बाहर में घूमते मगरमच्छों को पकड़ा जा चुका है. एक बार गांव की गली में घूमते और मन्दिर में खुले में मगरमच्छ को देखा गया था। जिसे ग्रामीणों ने पकड़कर पार्क में छोड़ा था।
ये भी पढ़ें –बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए करें व्यव्हार- बाल आयोग
यहां बता दें कि क्रोकोडायल पार्क में दूसरे तालाबों से मगरमच्छों की शिफ्टिंग के दौरान ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम के साथ मगरमच्छों को पकड़ना ग्रामीणों ने सीख लिया था इसी के चलते ग्रामीण वन विभाग की टीम पहुंचने से पहले ही ग्रामीण रेस्क्यू कर मगरमच्छ को कंट्रोल में ले लिए थे।
ये भी पढ़ें –दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने एनजीटी में याचिका, इस्कॉन को नोटिस
बताया जा रहा है कि अक्सर कोटनीसोनार गांव में मगरमच्छ खुले में घूमते मिल रहे हैं, जिसे ग्रामीण खुद रेस्क्यू करते हैं. गौरतलब है कि कोटमीसोनार में प्रदेश का पहला क्रोकोडायल पार्क है, जहां 3 सौ से ज्यादा मगरमच्छ हैं. सैकड़ों एकड़ में फैले मुड़ा तालाब में कोटमीसोनार के अनेक तालाबों में फैले मगरमच्छ को 10 साल पहले शिफ्ट किया गया था. फिर भी गांव के नजदीक एक बांध है, माना जाता है कि बांध में अभी भी मगरमच्छ हैं, वहीं से मगरमच्छ गांव की ओर घूमते पहुंचता है. खास बात यह है कि मगरमच्छ हर साल प्रजनन करते हैं, जिसके कारण छोटे मगरमच्छ के बच्चे भी खुले में मिलते है।
वेब डेस्क IBC24
Datia: बड़गोर गांव के समीप बह रही सिंध नदी पर…
10 hours ago