भूपेश कैबिनेट, स्थानीय उद्योगों से भी सामग्री खरीदेगी सरकार, खरीदी के बाद बचे धान की व्यवस्था नान के माध्यम से

भूपेश कैबिनेट, स्थानीय उद्योगों से भी सामग्री खरीदेगी सरकार, खरीदी के बाद बचे धान की व्यवस्था नान के माध्यम से

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  • Publish Date - January 21, 2019 / 08:06 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी तक धान खरीदी जारी रहेगी। इसके लिए 85 लाख मीट्रिक टन खरीदी का अनुमान है। यह जानकारी भूपेश कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने दी। उन्होंने बनाया कि जेम पोर्टल की बजाय अब भंडार क्रय नियमों के मुताबिक सरकार स्थानीय उद्योगों से ही सामग्री की खरीद करेगी।

उन्होंने बताया कि अब तक 71 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो गई है। अनुमान है कि 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होगी। अभी 10 दिन बचे हैं, इस वर्ष 75 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य था। उन्होंने कहा, केंद्र को पत्र लिखेंगे कि पूरे धान की खरीदी की जाए। करीब साढ़े 6 लाख मीट्रिक टन धान बचेगा, 31 जनवरी तक जितना धान आएगा उसे खरीदा जाएगा। शेष धान को नान के माध्यम से उपयोग करेंगे।  उन्होंने बताया कि धान खरीदी पुराने बोरों में की जाएगी। राइस मिलरों के रिसायकिलिंग की शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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वहीं मंत्री अकबर ने बताया कि गवर्नमेंट के ई मार्केट प्लेस को बदलकर छत्तीसगढ़ का खुद का पोर्टल बनाने का निर्देश दिया जा चुका है। फिलहाल सरकार जेम पोर्टल की बजाय भंडार क्रय नियमों के मुताबिक सामग्री खरीदेगी। इसके लिए स्थानीय उद्योगों से भी खरीदी की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जमीन के मामले में डायवर्सन को लेकर सरलीकरण का निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने बताया, केंद्र को पत्र लिखा गया है कि बचत के धान के समुचित उपयोग की अनुमति दी जाए अथवा उसकी व्यवस्था नान के माध्यम से राज्य स्वयं करेगा।

 

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