पत्रकारों के लिए अच्छी खबर, सीएम ने दिए सुरक्षा कानून बनाने के निर्देश, पहला राज्य होगा छत्तीसगढ़

पत्रकारों के लिए अच्छी खबर, सीएम ने दिए सुरक्षा कानून बनाने के निर्देश, पहला राज्य होगा छत्तीसगढ़

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  • Publish Date - December 21, 2018 / 07:21 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

रायपुर। सीएम भूपेश ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर हो रहे हमले को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य के पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून बनाने की पहल की है। अन्य राज्यों के पत्रकार सुरक्षा कानून को अध्ययन कर कानून बनाने पर विचार किया जा रहा है। पत्रकारों, मानवअधिकार कार्यकर्ताओं, विधि विशेषज्ञों से सलाह लेकर कानून बनाने की तैयारी शुरू की जाएगी। सीएम भूपेश बघेल ने कार्यभार संभालने के तीसरे दिन पत्रकारों के लिए ये आदेश जारी किया है। पत्रकारों के लिए अगर ये कानून लागू होता है तो छत्तीसगढ़ पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने वाला पहला राज्य होगा। बहरलाल मुख्यमंत्री के इस कदम से पत्रकारों में खुशी की लहर है।

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देशभर के साथ राज्य में भी पत्रकारों पर बढ़ते हमले को लेकर कानून बनाने की मांग उठी थी। लेकिन सरकार ने इस कोई ध्यान नहीं दिया था। संसद में भी ये मुद्दा उठाया गया। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बयान दिया था कि कि पत्रकारों/मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

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लोकसभा में बदरूज्जमां खान और मोहम्मद सलीम के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पत्रकारों/मीडियाकर्मियों पर हमले के संदर्भ में विभिन्न धाराओं के तहत 2016 में 47 मामले, 2015 में 28 और 2014 में 114 मामले दर्ज किए गए। यह पूछे जाने पर कि क्या पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई विधेयक लाने का प्रस्ताव है तो रिजिजू ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

सुशील पाठक हत्याकांड था चर्चित

दिसंबर साल 2010 में बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक की हत्या ने पत्रकारों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सुशील की काम के बाद घर लौटते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पत्रकार सुशील अपने घर सरकंडा लौट रहे थे। मर्डर के दो महीने बाद फरवरी 2011 में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।