हाथरस मामला : कांग्रेस, सपा कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में स्मृति ईरानी के खिलाफ किया प्रदर्शन

हाथरस मामला : कांग्रेस, सपा कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में स्मृति ईरानी के खिलाफ किया प्रदर्शन

हाथरस मामला : कांग्रेस, सपा कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में स्मृति ईरानी के खिलाफ किया प्रदर्शन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: October 3, 2020 3:22 pm IST

लखनऊ/वाराणसी, तीन अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म व उसकी मौत के मामले में विरोध प्रदर्शन करते हुए शनिवार को वाराणसी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के समक्ष सरकार विरोधी नारे लगाए।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और युवती के परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए स्मृति ईरानी के काफिले को रोकने का प्रयास किया ।

लखनऊ में कांग्रेस के प्रवक्ता ललन कुमार ने कहा कि प्रदर्शन करने वाले पार्टी के कार्यकर्ताओं को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

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केंद्रीय मंत्री किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद के लिए वाराणसी के दौरे पर आयी हैं ।

आयोजन स्थल पर पहुंचने के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री को सपा की महिला इकाई की कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा ।

बाद में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है ।

रात में युवती के अंतिम संस्कार के बारे में बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं महिला आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करती लेकिन उन्होंने मुझे बताया है कि वे पहले दिन से जिला प्रशासन और सरकार के समक्ष मुद्दा उठा रहे हैं ताकि पीड़िता को न्याय सुनिश्चित हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खुद मुख्यमंत्री से बात की है और देखा है कि एसआईटी गठित की गयी और जिले के एसपी के खिलाफ कार्रवाई की गयी। मेरा मानना है कि एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिन लोगों ने हस्तक्षेप किया या जिनकी वजह से पीड़िता को संपूर्ण न्याय न मिले, इस प्रकार का षड्यंत्र रचा गया।’’

हाथरस में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई राजनीतिक दल या नेता किसी मुद्दे पर राजनीति करना चाहता है तो मैं उस नेता को नहीं रोक सकती लेकिन लोग जानते हैं कि वे राजनीति करने के लिए हाथरस जा रहे हैं ना कि न्याय के लिए।’’

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश


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