हाथरस सामूहिक बलात्कारः राकांपा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा

हाथरस सामूहिक बलात्कारः राकांपा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा

हाथरस सामूहिक बलात्कारः राकांपा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: September 30, 2020 10:49 am IST

मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार को कथित रूप से लड़की का अंतिम संस्कार नहीं करने देने को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की बुधवार को आलोचना की।

मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें आधी रात को अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया।

महाराष्ट्र राकांपा के प्रमुख जयंत पाटिल ने इसे ‘अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।

 ⁠

दलित युवती की सामूहिक बलात्कार की घटना के करीब एक पखवाड़े बाद मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। उसका अंतिम संस्कार मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात को हाथरस में कर दिया गया।

स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अंतिम संस्कार ‘परिवार की मर्जी के मुताबिक’ किया गया है।

पाटिल ने ट्वीट किया, ‘घरवालों की गैरहाजिरी में भारत की बेटी के शव का रातोंरात अंतिम संस्कार करवाया गया। उत्तर प्रदेश सरकार का यह बर्ताव अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। बेटियों को न जीते जी सम्मान दिया जा रहा है, न मरने के बाद।’

आगरा के मुगल संग्रहालय का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखने संबंधी योगी आदित्यनाथ की हालिया घोषणा के संदर्भ में पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने से पहले उनके कार्य से प्रेरणा लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘ अगर वह न्याय और समानता का राज स्थापित नहीं कर सकते तो उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेना का कोई अधिकार नहीं है।’

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता को उसकी मौत के बाद भी हर मानवाधिकार से वंचित करने का आरोप लगाया।

मलिक ने ट्वीट किया, ‘ मैं उत्तर प्रदेश पुलिस के इस अमानवीय और शर्मनाक बर्ताव की निंदा करता हूं और मृतका के परिवार के प्रति समर्थन व्यक्त करता हूं और जल्द से जल्द मामले की जांच की मांग करता हूं।’

उन्होंने कहा कि यह समय है जब न्याय देने के लिए वास्तविक जीवन में केंद्र की ‘ बेटी बचाओ बेटी पढाओ ‘ योजना का मूल्यांकन किया जाना चाहिए, न कि केवल वोट बैंक बनाने के वास्ते टेलीविजन पर बढ़त हासिल करने के लिए।

भाषा

नोमान पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में