उच्च न्यायालय ने मुंबई के मलवनी में इमारत ढहने की न्यायिक जांच शुरू की

उच्च न्यायालय ने मुंबई के मलवनी में इमारत ढहने की न्यायिक जांच शुरू की

उच्च न्यायालय ने मुंबई के मलवनी में इमारत ढहने की न्यायिक जांच शुरू की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: June 11, 2021 12:27 pm IST

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के मलवनी इलाके में एक इमारत गिरने की घटना की न्यायिक जांच शुक्रवार को शुरू की। इस घटना में 12 लोगों की मौत हो गयी थी।

अदालत ने कहा कि इस घटना ने साबित कर दिया कि मुंबई में नगर निगम वार्डों के साथ ही उसके आसपास के इलाकों में पूरी तरह से अराजकता थी।

मुंबई के मलवनी इलाके में बुधवार देर रात तीन मंजिला एक इमारत की दो मंजिलों के पास के एक मंजिला मकान पर गिरने से आठ बच्चों सहित 12 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गए थे।

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मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने जांच आयुक्त को घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट 24 जून तक सौंपने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि वह इस घटना से काफी दुखी है जिसमें आठ मासूम बच्चों की मौत हो गयी।

अदालत ने कहा कि संबंधित नगर निगम वार्ड के प्रभारी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पीठ ने आगे कहा कि इस साल 15 मई से 10 जून के बीच मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में इमारतें गिरने की चार घटनाएं हुईं जिनमें कुल 24 लोगों की मौत हो गई।

पीठ ने कहा, ‘‘यह क्या हो रहा है? कितने लोगों की जान जाएगी? ये किस प्रकार की इमारतें हैं? क्या उनकी पहचान खतरनाक या अवैध के रूप में की गई थी, लेकिन उन्हें तोड़ा नहीं गया था या उनकी पहचान नहीं की गई थी?’

अदालत ने कहा, ‘आप (नगर निगम अधिकारी) लोगों के जीवन से नहीं खेल सकते। हमें संबंधित वार्ड के प्रभारी को जिम्मेदार ठहराना होगा। बारिश के पहले दिन आठ मासूम बच्चों की मौत हो गई।’ उसने कहा कि अवैध निर्माण की घटनाओं की जांच करने या अवैध निर्माण को गिराने के लिए नगर निगम अधिकारियों में कोई इच्छाशक्ति नहीं है।

पीठ ने कहा, ‘‘ यह अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है। मासूम बच्चों सहित लोगों की मौत को लेकर हम जिस दर्द का सामना कर रहे हैं, आप उसे महसूस कर सकते हैं… पार्षदों को भी यह दर्द महसूस करना चाहिए। हम स्तब्ध हैं। यह मानव निर्मित आपदा है और कुछ नहीं। हर मानसून में ऐसा होना ही है। इसे क्यों नहीं रोका जा सकता?’

पीठ एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी जिसे उसने पिछले साल ठाणे जिले के भिवंडी में इमारत गिरने की एक घटना के बाद स्वत: संज्ञान लिया था। जनहित याचिका शुरू में शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं थी लेकिन पीठ ने मलवनी घटना का स्वत: संज्ञान लेने के बाद इसे पेश करने का निर्देश दिया था।

मामले में अगली सुनवाई 24 जून को होगी। इससे पहले दिन में, उच्च न्यायालय ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को उस संदर्भ का पता लगाने को कहा जिसमें मेयर किशोरी पेडनेकर ने मलवनी की घटना से संबंधित सवालों के जवाब देते हुए उच्च न्यायालय के एक पिछले आदेश का उल्लेख किया था।

भाषा अविनाश अनूप

अनूप


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