हाईकोर्ट ने कहा- ऑक्सीजन की कमी से न हो मरीज की मौत, उद्योगपतियों से सामंजस्य बनाए सरकार, मरीजों को जल्द मिले जांच रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा- ऑक्सीजन की कमी से न हो मरीज की मौत, उद्योगपतियों से सामंजस्य बनाए सरकार, मरीजों को जल्द मिले जांच रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा- ऑक्सीजन की कमी से न हो मरीज की मौत, उद्योगपतियों से सामंजस्य बनाए सरकार, मरीजों को जल्द मिले जांच रिपोर्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:39 pm IST
Published Date: April 26, 2021 9:14 am IST

बिलासपुर। कोरोना को लेकर हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला जारी कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज की मौत न हो। चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने आज अपना फैसला जारी करते हुए कहा है कि उद्योगपतियों से सरकार सामंजस्य बनाए, जिससे ऑक्सीजन और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद मिले।

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हाईकोर्ट में दायर कई जनहित याचिकाओं में से एक कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी की हस्तक्षेप याचिका पर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड होने में देरी हो रही है। ऐसे में सरकार व्यवस्था करे कि मरीज को उसकी रिपोर्ट 24 घंटे में भेजी जा सके, मसलन अस्पताल मरीजों को आरटीपीसीसी रिपोर्ट वॉट्सएप या ईमेल के जरिए भेज सकते हैं ताकि उनका इलाज जल्द से जल्द शुरू हो सके।

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कोर्ट ने ऑक्सीजन, एंटीजन, आरटीपीसीआर व दूसरे जांच की दर निर्धारित करने के भी आदेश सरकार को दिए है। वहीं बेड को लेकर वेबसाइट तैयार करने का आदेश सरकार को जारी किया गया है, ताकि लोगां को उनके जिले में मौजूद अस्पतालों में उपलब्ध बेड की जानकारी मिल सके। गौरतलब है कि कोर्ट में बीते दिनों वकील पलाश तिवारी ने मांग रखी थी कि रेलवे की ओर से तैयार 111 आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल मरीजों के लिए किया जाए। इस पर कोर्ट ने साफ कर दिया कि राज्य और रेलवे की बैठक हो गई है। राज्य को अभी इन कोच की जरूरत नहीं है। जब आवश्यकता होगी, तब रेलवे को राज्य के नोडल अधिकारी अपनी जरूरत के हिसाब से प्रतिवेदन देंगे।

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इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि कलेक्टर को महामारी अधिनियम के तहत पूरी शक्ति मिली हुई है। वे महामारी रोकने के लिए महामारी अधिनियम 2005 व 2020 के तहत निर्णय लें। वही हाईकोर्ट ने कहा है कि जेल में बंद कैदियों को संक्रमित होने की स्थिति में पैरोल पर छोड़ने के लिए निचली अदालत में आवेदन दिया जा सकता है‌। कोर्ट ने सभी विषयों पर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com