उच्च न्यायालय ने आरटीआई कार्यकर्ता की जानकारी वेबसाइट पर डालने को लेकर सफाई मांगी

उच्च न्यायालय ने आरटीआई कार्यकर्ता की जानकारी वेबसाइट पर डालने को लेकर सफाई मांगी

उच्च न्यायालय ने आरटीआई कार्यकर्ता की जानकारी वेबसाइट पर डालने को लेकर सफाई मांगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: October 15, 2020 4:30 pm IST

मुंबई, 15 अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह हलफनामा दाखिल कर बताए कि क्या वह अपनी वेबसाइट पर सभी आरटीआई आवेदकों की सूचना साझा करता है या साकेत गोखले ‘एकमात्र’ ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी सूचना सार्वजनिक की गई।

न्यायमूर्ति नितिन जामदार की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्रालय को दो हफ्ते में अतिरिक्त हलफनामा दायर करने को कहा।

पीठ गोखले द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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गोखले के मुताबिक जुलाई में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन रोकने के लिए उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके बाद उन्हें घृणा वाले फोन कॉल व संदेश आने लगे। उन्होंने आरोप लगाया की मंत्रालय ने उनकी निजी जानकारी सार्वजनिक कर दी।

याचिका में उन्होंने कहा कि इसकी वजह से उन्हें जो मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है, उसके लिए उन्हें 50 लाख रुपये का हर्जाना दिया जाना चाहिए।

कार्यकर्ता की याचिका के मुताबिक उनकी जानकारी नवंबर 2019 को वेबसाइट पर अपलोड की गई और जब मंत्रालय को इस बारे में लिखा तो इस साल सितंबर में उसे हटाया गया।

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप


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