बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षाकर्मियों के पक्ष में एक बड़ा फैसला सुनाया है। राज्य सरकार के शिक्षाकर्मियों के बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने नियमों की अनदेखी कर सेवा से बर्खास्त करने वाले पंचायत अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
ये भी पढ़ें- पत्थलगड़ी पर पुनिया-भूपेश का एक ही राग- आदिवासियों के मुद्दों का किया समर्थन
बिलासपुर हाईकोर्ट में जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी मसले पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। बताया जा रहा है कि जनपद पंचायत साजा ने रोहाणी और दामेश्वरी को नोटिस जारी कर बर्खास्त कर दिया था। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। अदालत ने सेवा से हटाने के आदेश को निरस्त करते हुए कहा है कि बिना विभागीय जांच के सेवा से हटाने का प्रावधान नहीं है। बर्खास्तगी के पहले पंचायत सेवा नियम 1999 के 7 के तहत का पालन आवश्यक है। इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई थी।
ये भी पढ़ें- रमन ने दी गोबर बेचने वाली महतारी की मिसाल- ‘अब बन गई उद्योगपति, शहरों में खिला रही आइसक्रीम’
हाईकोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार के पंचायत विभाग को निर्देश दिए हैं कि नियमों की अनदेखी करने वाले पंचायत अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
वेब डेस्क IBC24