शारीरिक रूप से कमजोर दिख रहे लालू ने लंबी अवधि के बाद राजनीतिक बैठक को किया संबोधित

शारीरिक रूप से कमजोर दिख रहे लालू ने लंबी अवधि के बाद राजनीतिक बैठक को किया संबोधित

शारीरिक रूप से कमजोर दिख रहे लालू ने लंबी अवधि के बाद राजनीतिक बैठक को किया संबोधित
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: July 5, 2021 3:59 pm IST

पटना, पांच जुलाई (भाषा) शारीरिक रूप से कमजोर दिख रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू

प्रसाद ने लंबी अवधि के बाद अपनी राजनीतिक बैठक को सोमवार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की विफलताओं का जिक्र किया तथा अपने पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में अपनी पार्टी के भविष्य के उज्ज्वल रहने का भरोसा जताया।

लालू ने जनता दल से अलग होने के बाद 1997 में अस्तित्व में आए राजद की रजत जयंती के अवसर पर दिल्ली में केक काटकर पटना में आयोजित एक कार्यक्रम का डिजिटल माध्यम से उद्धाटन किया। लालू चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद अपनी बड़ी पुत्री और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। लंबे समय से बीमार रहने के कारण लालू अपनी पुरानी शैली में भाषण नहीं दे सके, जिसका राजद कार्यकर्ताओं और नेताओं को लंबे समय से इंतजार था, लेकिन उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण एवं कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए उनके द्वारा लड़ी लड़ाई का जिक्र किया और केंद्र एवं राज्य सरकार पर निशाना साधा।

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लालू ने कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और विमुद्रीकरण के साथ-साथ कोरोना वायरस ने आर्थिक संकट उत्पन्न कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक मुखर आलोचक रहे लालू ने इस दल या प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘अयोध्या के बाद कुछ लोग मथुरा की बात कर रहे हैं। आप क्या करना चाहते हैं? ये लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, लेकिन हम पीछे हटने वाले लोग नहीं हैं। हम टूट जायेंगे लेकिन झुकेंगे नहीं।’’

पूर्व रेल मंत्री रहे लालू ने रेलवे के निजीकरण के केंद्र के कदम की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि रेलवे का भी धीरे-धीरे निजीकरण किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर बेरोजगारी और आर्थिक संकट पैदा होगा।’’ राजद सुप्रीमो ने कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमतों और आसमान छूती महंगाई ने पहले ही आम आदमी की कमर तोड़ दी है।

उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर प्रहार करते हुए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कोविड-19 के कथित कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा, ‘‘ऐसा कोई दिन नहीं जाता, जब अलग-अलग स्थानों पर चार-पांच लोगों की हत्या नहीं होती। हमारा बिहार काफी पीछे है। लाखों लोग प्रवासी बन गये हैं। लाखों लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैं।’’

उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी अनुपस्थिति में पार्टी का बेहतर ढंग से नेतृत्व करने के लिए अपने छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘सच कहूं तो मैंने उनसे कभी ऐसी उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने राजद की नैया पार लगायी । राजद का भविष्य आगे भी उज्ज्वल रहेगा ।’’

243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में राजद सबसे बड़ी एकल पार्टी है, लेकिन प्रदेश में जदयू (जनता दल यूनाइटेड) -भाजपा गठबंधन का शासन है।

लालू ने अपने बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव की भी प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘हमारा तेजस्वी तो तेज है ही, लेकिन मैंने हमारे बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का भी भाषण सुना, उनके भाषण में भी दम है।’’ लालू ने अपनी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी का जिक्र करते हुए कहा , ‘‘अगर ये दोनों नहीं होते तो मेरी रांची में ही मौत हो जाती। मुझे वहां से विमान से तुरंत लाया गया और दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया।’’ उन्होंने उनका उपचार करने वाले एम्स के चिकित्सक की भी प्रशंसा की।

भाषा अनवर अमित सिम्मी

सिम्मी


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