मुंबई, 22 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान प्रवर्तित की गयी जलसंरक्षण योजना ‘जलयुक्त शिवार’ की जांच का आदेश देने के एमवीए सरकार के फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत किया।
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को जलयुक्त शिवार के तहत 900 निर्माण कार्यों की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से जांच का आदेश दिया था। यह राज्य में 2014-19 के बीच रही फड़णवीस नीत भाजपा सरकार की महत्वपूर्ण योजना थी।
फड़णवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं जलयुक्त शिवार योजना में 950 निर्माण कार्यों की जांच कराने के फैसले का स्वागत करता हूं। अपने कार्यकाल के दौरान मैंने पहले ही 600 निर्माण कार्यों की ऐसी ही जांच का आदेश दिया था। ये योजनाएं जिलाधिकारियों के अधीन कार्यान्वित की गयीं। समाहरणालय के कोई सात विभाग इस योजना में शामिल थे।’’
बुधवार को राज्य के जलसंरक्षण मंत्री शंकरराव गडाक ने कहा था कि 900 परियोजनाओं में दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया और उनमें निर्माण कार्य घटिया रहा है, उन्हें एसीबी जांच का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी इस योजना के तहत मंजूर किए गए करीब छह लाख अन्य निर्माण कार्यों की जांच करेंगे और काम की गुणवत्ता का पता लगायेंगे एवं यह भी देखेंगे कि प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं।
पिछली भाजपा सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर लायी गयी यह योजना खेतों में तालाबों, जलधाराओं पर बांध के निर्माण , नदियों से तलछट हटाने आदि पर केंद्रित थी। इस योजना पर भ्रष्टाचार एवं जलसंरक्षण के गैर वैज्ञानिक तरीके अपनाने के भी आरोप लगे।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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