छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बीएल अग्रवाल और अजयपाल सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने उनके सर्विस रिकॉर्ड और छानबीन समिति की अनुशंसा के आधार पर ये कार्रवाई की है। केंद्र ने 20 साल की सेवा या 50 की उम्र पूरी कर चुके शासकीय सेवकों के सर्विस रिकॉर्ड की जांच करने और उसके आधार पर अयोग्य लोगों को सेवा से बाहर करने का नियम बनाया है। इसी के चलते यह कार्रवाई हुई है। अजय पाल सिंह के खिलाफ कई शिकायतें रही हैं। वहीं अग्रवाल के यहां एक बार आयकर की कार्रवाई हो चुकी है और सीबीआई ने रिश्वत देने के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया था। इसमें वे जेल भी गए थे। इस बारे में दोपहर तक राज्य शासन को केंद्र का आदेश नहीं मिला था।
हालांकि अधिकारियों ने ऐसी सूचना से इंकार नहीं किया है। इधर बीएल अग्रवाल ने IBC 24 से कहा कि इस तरह की कार्रवाई की चर्चा होते ही उन्होंने कैट में मामला लगा दिया था और कैट से केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भी दिया गया है। न्यायालय में मामला रहते हुए ऐसी कार्रवाई गलत है। अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई के खिलाफ भी उन्होंने कोर्ट में मामला लगा रखा है। पिछले दिनों मुख्यसचिव और अन्य अधिकारियों से मिलकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की इच्छा भी वे जता चुके थे। इसके बाद भी उनका पक्ष सुने बिना एकतरफा कार्रवाई की गई है। अग्रवाल ने कहा कि कार्रवाई ही करनी है तो सब पर समान रूप से होनी चाहिए। उनके जैसे मामले कई अधिकारियों के खिलाफ हैं तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.