छत्तीसगढ़ में हरेली के त्यौहार को लेकर कई अंधविश्वास भी जुड़े हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन टोनही लोगों का खून पीती है और बुरी शक्तियां जाग जाती है । बुरी शक्तियों से बचाने के लिए तमाम जतन किए जाते हैं । यही वजह है कि गांवों के अलावा शहर में भी घरों और दुकानों के अलावा वाहनों में नीम की डाल लगाई जाती है. हद तो ये रही कि राजधानी रायपुर में एंबुलेंस तक में नीम की पत्तियां लगी देखी गईं. वहीं गांवों में बुरी शक्तियों से बचने के लिए गोबर से कई आकृतियां भी बनाई जाती है । लोगों को इस अंधविश्वास से बचाने के लिए अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति गांवों में जागरुकता अभियान चलाती आ रही है. समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्रा ने हरेली त्योहार को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक पर्व बताते हुए इस त्योहार को लेकर पैदा की गई भ्रांतियों को लोगों की अज्ञानता बताया.
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11 hours ago