मुंबई के व्यक्ति ने प्रवासी मजदूरों के लिए स्थापित की सामुदायिक रसोई

मुंबई के व्यक्ति ने प्रवासी मजदूरों के लिए स्थापित की सामुदायिक रसोई

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  • Publish Date - May 25, 2021 / 10:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

मुंबई, 25 मई (भाषा) कोविड-19 के कारण लगाए गए प्रतिबंधों से परेशान गरीब प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए मुंबई के एक निवासी ने अपनी बचत के पैसों से सामुदायिक रसोई की स्थापना की है। फैयाज शेख की उम्र 40 के आसपास है और पिछले साल अगस्त में उनकी नौकरी चली गई थी।

अब वह मलाड के मालवानी में स्थित अम्बुजवाड़ी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों की सहायता कर रहे हैं। शेख ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उनकी सामुदायिक रसोई प्रतिदिन लगभग 500 लोगों को खाना उपलब्ध कराती है।

उन्होंने कहा कि वह उन लोगों को पिछले एक साल से राशन और दवाएं भी उपलब्ध करा रहे हैं।

अम्बुजवाड़ी में लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर रहते हैं और उनकी आजीविका दिहाड़ी मजदूरी से चलती है।

शेख ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कुछ गैर सरकारी संगठनों से उन्हें राशन और दवाओं के लिए सहायता मिली लेकिन इस साल उन्हें सब कुछ खुद करना पड़ा।

उन्होंने कहा, “मेरी नौकरी जाने के बाद मुझे कंपनी से 10 लाख रुपये मिले। मैं उस पैसे के इस्तेमाल से सामुदायिक रसोई के जरिये प्रवासियों को भोजन और दवाएं उपलब्ध करवा रहा हूं।”

शेख ने कहा कि मालवानी में झुग्गी में रहने वालों की समस्याओं को देखने के बाद उन्हें सामुदायिक रसोई का विचार आया।

उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी उस क्षेत्र में 11 साल से एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल चला रही हैं जिसमें लगभग 350 बच्चे पढ़ते हैं।

शेख ने कहा, “पिछले साल तीन महीने की स्कूल की फीस माफ कर दी गई थी और अब पूरे साल की फीस माफ कर दी गई है।”

उन्होंने बताया कि स्कूल जिस क्षेत्र में है वहां दिहाड़ी मजदूर रहते हैं और वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने को प्राथमिकता नहीं देते।

भाषा यश माधव

माधव