दिल्ली के बाद अब छग के संसदीय सचिवों की बारी,सदस्यता रद्द करने की मांग

दिल्ली के बाद अब छग के संसदीय सचिवों की बारी,सदस्यता रद्द करने की मांग

दिल्ली के बाद अब छग के संसदीय सचिवों की बारी,सदस्यता रद्द करने की मांग
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: January 21, 2018 10:29 am IST

दिल्ली के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी संसदीय सचिव को लाभ का पद बताकर सदस्यता रद्द करने की आवाज उठने लगी है.बिलासपुर हाईकोर्ट मेें पहले से ही ये मामला चल रहा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अब इस मुद्दे गंवाना नहीं चाहती है चुनाव ये मुद्दा कांग्रेस के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है.  कांग्रेस ने साफ कह दिया है कि बिलासपुर हाईकोर्ट इस मामले में अगर जल्द सुनवाई नहीं करता है. तो वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और देश के नामचीन वकीलों से रायशुमारी करेंगे.

     

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आपको बतादें दिल्ली में आप पार्टी के 20 विधायकों नें चुनाव आयोग के द्वारा अयोग्य घोषित करने के बाद राष्ट्रपति से याचिका लगाई थी. लेकिन राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग के फैसले को मंजूर किया है. जिससे दिल्ली के सीएम केजरीवाल की परेशानी बढ़ गई है. इस तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी 11 संसदीय सचिवों को हटाने और उनकी विधायकी को अयोग्य घोषित करने को लेकर कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

     

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हाईकोर्ट ने अगस्त 2017 में अंतरिम आदेश में संसदीय सचिवों को मिले सभी अधिकारों पर रोक भी लगा दी थी, लेकिन अकबर का कहना है, कि संसदीय सचिवों को आज भी सरकारी वाहन, निजी सचिव, अतिरिक्त वेतन और भत्ते दिए जा रहे हैं।

     

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इस मामले में राज्यपाल के पास 22 आवेदन भी लगाए गए हैं। अकबर के मुताबिक ये आवेदन चुनाव आयोग को भेज दिए जाते तो दिल्ली से पहले छत्तीसगढ़ का फैसला आ जाता, क्योंकि छत्तीसगढ़ का मामला ज्यादा बड़ा है और भाजपा सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है। 

संसदीय सचिवों के मामले में अगर चुनाव आयोग ने दिल्ली की तरह कोई फ़ैसला किया तो छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार संकट में आ सकती है। 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के 49 विधायक हैं, जिनमें से 11 संसदीय सचिव के पद पर कार्यरत हैं। दिल्ली की तर्ज़ पर यहां कार्रवाई हुई तो इनकी संख्या 38 रह जायेगी। इसके उलट कांग्रेस पार्टी के पास अभी 39 सदस्य हैं। राज्य के 11 संसदीय सचिवों के कामकाज पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पहले ही रोक लगा रखी है।

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24


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